मेरठ – मुस्लिम समुदाय की न्याय व्यवस्था की तर्ज पर हिदुओं के लिए अखिल भारत हिदू महासभा ने 15 अगस्त को हिदू न्यायपीठ के गठन की घोषणा की। मेरठ कार्यालय में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा तले महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पं. अशोक शर्मा ने घोषणा की कि हिदू न्यायपीठ की मुख्य न्यायाधीश अलीगढ़ की पूजा शकुन पांडेय होंगी।
हिदू न्यायपीठ के लिए नियम-उपनियम दो अक्टूबर तक तैयार कर लिए जाएंगे और फिर यह न्यायपीठ काम करना शुरू कर देगी। न्यायपीठ का मुख्यालय अलीगढ़ होगा। बताया कि 15 नवंबर को नाथूराम गोडसे के बलिदान दिवस के मौके पर इन अदालतों का दायरा सात जिलों तक फैल जाएगा। इनमें मेरठ व अलीगढ़ के साथ ही आगरा, मथुरा, हाथरस, फीरोजाबाद और शिकोहाबाद भी शामिल किए जाएंगे।
नियम-उपनियम के लिए गठित कमेटी के संरक्षक मंडल में हिदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली के चंद्र प्रकाश कौशिक, मेरठ के उपाध्यक्ष पं. अशोक शर्मा और महामंत्री मुन्ना कुमार शर्मा शामिल किए गए हैं। मुन्ना कुमार भी दिल्ली के हैं।
देश के संविधान और अदालतों के समानांतर एक नई न्याय व्यवस्था शुरू किए जाने के सवाल पर पं. अशोक शर्मा ने कहा कि हमने इस हिदू न्यायपीठ के गठन से पहले केंद्र सरकार से अपील की थी कि देश में चल रही शरिया अदालतों पर रोक लगाएं, उन्हें बंद करें। जब केंद्र सरकार ने हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया तो हम इसके गठन के लिए बाध्य हुए हैं।
मेरठ से क्रांति भड़की, इसलिए वहां से हिदू न्यायपीठ : पूजा
हिदू न्याय पीठ की पहली जज व अखिल भारत हिदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडेय कहती हैं कि मेरठ क्रांतिधरा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्र्राम की चिन्गारी यहीं फूटी, इसलिए हिदुओं के साथ न्याय का यहीं से बीड़ा उठाया है।