बरेली। निर्माण कार्यों मे लापरवाही को लेकर मेयर उमेश गौतम की डांट का असर शनिवार को नगर निगम में देखने को मिला। छुट्टी होने के बावजूद आफिस खुले। पूरे दिन बाबू फाइलें लेकर दौड़ते रहे। कमरा बंद कर फाइलों का निस्तारण किया गया। निर्माण विभाग के इंजीनियरों को सोमवार को मेयर और नगर आयुक्त को जवाब देना है। शुक्रवार को मेयर, नगरायुक्त ने 15वें वित्त आयोग से होने वाले कामों की समीक्षा बैठक करते हुए इंजीनियरों को जमकर हड़काया था। एक साल में महज 20 फीसदी ही काम पूरे किए गए है। उन्होंने एक्सईएन डीके शुक्ला समेत एई और जेई की जमकर फटकार लगाई थी। सोमवार तक अधूरे कार्यों को शुरू करने की चेतावनी भी दी थी। शनिवार को अवकाश होने के बावजूद विकास कार्यों के निस्तारण की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ गई। एक तरफ निगम के कार्यालयों में ताले लटके हुए थे तो दूसरी ओर निर्माण विभाग के अधिकारी निगम में मौजूद थे। नगर निगम का निर्माण विभाग इमेज का बट्टा लगा रहा। विकास कार्य पूरे होने के बाद भी ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो रहा है। हालात ऐसे हैं कि कई ठेकेदारों की फर्म ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए। इंजीनियरों को फटकार लगाई।।
बरेली से कपिल यादव