बरेली। संभल के बाद अब थाना किला क्षेत्र के कटघर मे स्थित 250 साल पुराने गंगा महारानी मंदिर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाया गया है। मुख्यमंत्री से मंदिर को बनाने वाले परिवार के वंशज ने गुहार लगाते हुए मंदिर को मुक्त कराने की मांग की है। गुरुवार को दूसरे समुदाय द्वारा कब्जा करने की जांच को प्रशासनिक अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। करीब दो घंटे तक रिकार्ड खंगाला। कब्जेदार वाहिद अली के बयान दिए गए। मंदिर के मैनेजर के वंशज राकेश सिंह के भी बयान दर्ज किए। जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएंगी। आरोप है कि मंदिर में रहने वाले वाहिद अली के पूरे परिवार ने मंदिर की मूर्तियों को हटा दिया है। इससे लंबे समय से यहां पूजा नही हो पा रही है। गुरुवार को हिंदू संगठन के लोग डीएम से मिलकर मंदिर से वाहिद अली को हटाने और गंगा मंदिर में फिर से पूजा शुरू कराने की मांग करेंगे। किला क्षेत्र के कटघर स्थित गंगा महारानी के मंदिर को बनवाने का दावा करने वाले परिवार के वंशज राकेश सिंह ने बताया कि उनकी पांच पीढ़ी पहले यह मंदिर बनाया गया था। 1905 में गंगा महारानी के मंदिर को लिखा-पढ़ी में लाया गया। 1950 तक मंदिर में पूजा भी होती रही। मंदिर के पुजारी ने एक समिति को मंदिर का एक कमरा किराए पर दे दिया। समिति ने मंदिर मे वाहिद अली नाम के चौकीदार को रख लिया। धीरे-धीरे वाहिद अली ने मंदिर में लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी। जब कोई जाता था तो वह मंदिर मे ताला डाल देता था। धीरे-धीरे मंदिर में जाने वाले लोगों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। आरोप है कि मंदिर के चौकीदार वाहिद अली ने मंदिर की प्रतिमाओं को भी हटा दिया है। उधर, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज पाठक का कहना है, वाहिद ने मंदिर की जमीन पर कब्जा किया है। मूर्तियों को हटा दिया। प्रशासन से मांग की गई है। कब्जा मुक्त कराकर फिर से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए। प्राण प्रतिष्ठा कराई जाए। जबकि वाहिद अली का कहना है कि बह अपने परिवार के साथ 40 साल से यहां रह रहा है। यहां पर कभी भी मंदिर नही था।
बरेली से कपिल यादव