बरेली। वीकेंड लॉकडाउन मे लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहे है। सप्ताह में दो दिन के लॉकडाउन की खबर आते ही बाजारों में थोक विक्रेताओं ने खाने का सामान ब्लैक के चक्कर में स्टॉक कर लिया है। थोक विक्रेता रिटेल में बेचने वालों को माल न होने का बहाना बनाकर सामान नहीं दे रहे है, जिससे पर्याप्त मात्रा में सामान न मिलने के कारण हड़कंप मचा हुआ है। व्यापारी पूरी तरह मुनाफाखोरी पर उतर आए हैं। घरेलू इस्तेमाल की चीजों के दाम मनमाने तरीके से बढ़ा दिए गए है। बीते रविवार को एक दिन के लॉकडाउन के बाद से ही थोक विक्रेताओं ने माल का स्टॉक शुरू कर दिया था। थोक बिक्रेताओं ने लॉकडाउन आगे और बढने तथा माल पर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में भारी मात्रा में माल स्टॉक कर उसे ब्लैक में बेचना शुरू कर दिया। पिछले करीब एक सप्ताह से बाजारों में थोक विक्रेता रिटेल व्यापारियों को पूरा माल नहीं दे रहे है जबकि कुछ थोक विक्रेता उसी माल को मार्केट रेट से अधिक पर बेच रहे है। मुख्य रूप से 120 रूपये प्रति किलो मिलने वाली अरहर की दाल 130 रूपये, आटा 26 रूपये किलो जो 28 रूपये किलो मिलने लगा है। दरअसल लॉकडाउन बढने पर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर मे स्टॉक कर लिया है। पिछले साल भी थोक विक्रेताओं ने लॉकडाउन के दौरान भारी ब्लैक कर मोटा मुनाफा कमाया था। प्रदेश में अब रविवार के साथ शनिवार यानि दो दिन का लॉकडाउन होने व पूरे प्रदेश में नाइट कपर्यू की घोषणा होते ही थोक विक्रेताओं ने खाद्य सामग्रियों का अधिकांश माल का गोलमाल करते हुये उसका स्टाक कर लिया है। कई थोक विक्रेताओं ने माल से भरे पूरे वाहन मंगाने के बावजूद रिटेलरों को माल न होने का बहाना बनाकर मनमाने रेट पर बेच रहे है। जबकि कंपनी ने उस माल का न तो रेट बढ़ाया न ही प्रिंट रेट में परिवर्तन किया है। थोक बिक्रेताओं के मुनाफा कमाने के चक्कर में माल का स्टॉक करने के कारण खाद्य सामग्रियों के रेट बढ़ा दिये है। थोक बिक्रेताओं से अधिक रेट पर माल मिलने एवं माल पूरा न मिलने के कारण रिटेलरों को भी माल कुछ अधिक रेट पर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते उनके पास ऊपर से माल नहीं आ पा रहा है जिससे स्टॉक को मेनटेन भी रखना पड़ रहा है।।
बरेली से कपिल यादव