*लखनऊ बेंच में फुल कोर्ट रेफरेंस द्वारा विदायी इसके बाद 3 बजे इलाहाबाद में
इलाहाबाद- इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बी0 भोसले कल सेवानिवृत्त होंगे। उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर कल लखनऊ बेंच में प्रातः 10 बजे से न्यायमूर्ति भोसले की सेवानिवृत्ति के अवसर पर फुल कोर्ट रेफरेंस चीफ जस्टिस कोर्ट में आयोजित है। न्यायमूर्ति भोसले अपराह्न में विमान द्वारा इलाहाबाद चले जायेंगे, जहां अपराह्न 03ः00 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनका विदायी समारोह आयोजित है।
लखनऊ बेंच में आयोजित फुल कोर्ट रेफरेंस में सबसे पहले सम्मानीय वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ भावोद्गार व्यक्त करेंगे। उनके बाद अवध बार एसोसिएशन लखनऊ के एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन श्री एस0के0 कालिया अपने हृदयोद्गार व्यक्त करेंगे। श्री कालिया के बाद उत्तर प्रदेश के एडवोकेट जनरल (महाधिवक्ता) श्री राघवेंद्र सिंह अपने भाव व्यक्त करेंगे। तत्पश्चात भारत सरकार के सहायक सालिसिटर जनरल श्री एस0बी0 पाण्डेय न्यायमूर्ति डी0बी0 भोसले के प्रति अपने भाव उद्गार व्यक्त करेंगे। अंत में सम्मानीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी0बी0 भोसले फुल कोर्ट रेफरेंस का समापन करते हुए अपने सभी सहयोगियों, बार और बेंच के प्रति अपनी भावनाओं को रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति डी0बी0 भोसले का जन्म 24 अक्टूबर 1956 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार में हुआ था। उनके पिता बैरिस्टर बाबा साहब भोसले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे । न्यायमूर्ति भोसले की माता श्रीमती कलावती 94 वर्ष की उम्र में मुम्बई में निवास कर रही हैं। न्यायमूर्ति भोसले का विवाह 26 अप्रैल 1982 को श्रीमती अरूंधती के साथ हुआ। उनके दो संतान क्रमशः करन और नेहा हैं। करन वर्तमान में मुम्बई उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे हैं जबकि नेहा कि स्वयं की एक लाॅ फर्म है। न्यायमूर्ति भोसले ने 1980 में बार की सदस्यता ग्रहण की थी और मुम्बई उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करते हुए असिस्टेंट गवरनमेंट प्लीडर व असिस्टेंट प्रासीक्यूटर के रूप में कार्य शुरू किया था।
यह भी उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति भोसले ने अपने सेवाकाल में 85 न्यायधीशों को शपथ दिलवाने का रिकार्ड अपने नाम किया है। मुख्य न्यायाधीश के रूप में 15 फुल कोर्ट और 58 एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी मीटिंग का आयोजन न्यायमूर्ति भोंसले द्वारा किया गया। उन्होने 11994 मामलों में निर्णय डिवीजन बेंच में और 20 मामलों में निर्णय फुल बेंच में किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 100 से ऊपर जजों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का गौरव उन्हें प्राप्त है। पूरे देश में न्यायमूर्ति भोसले एकमात्र ऐसे जज हैं जिन्हें नेशनल एकेडमी आॅफ लीगल स्टडीज एण्ड रिसर्च (नालसर) और दामोदरन संजीवय्या नेशनल लाॅ यूनीवर्सटी विशाखापट्टनम के चांसलर के रूप में कार्य करने का गौरव प्राप्त है।
– आशीष मिश्रा,एडवोकेट हाईकोर्ट