लखनऊ – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रक्तदान महादान है और यह एक पुण्य का काम है। रक्तदान से जरूरतमंदों की जीवन रक्षा की जा सकती है। रक्तदान को बढ़ावा देने में चिकित्सा संस्थानों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ जन-मानस का सहयोग आवश्यक है। रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है, स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है। देश की आबादी के लिहाज से 130 लाख यूनिट प्रतिदिन रक्त की आवश्यकता होती है, लेकिन उसकी तुलना में उसका आधा ही रक्त उपलब्ध हो पाता है। रक्त के अभाव में जरूरतमंद की मृत्यु हो सकती है या फिर गम्भीर बीमारियों से वह ग्रसित हो सकता है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सभी को स्वैच्छिक रक्तदान का भागीदार बनना चाहिए। रक्तदान शिविरों का खास महत्व होता है। इन शिविरों के माध्यम से रक्तदान के सम्बन्ध में भ्रांतियां तो दूर होती ही हैं, साथ ही जन-जागरूकता भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान यह स्वीकार करता है कि रक्तदान करने से किसी प्रकार की दुर्बलता नहीं होती है। उन्होंने चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा रक्तदान शिविर के आयोजन के लिए ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ0 तूलिका चन्द्रा की सराहना की।इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने ब्लड डोनर मोबाइल वैन का शुभारम्भ किया। उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन, किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट सहित विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।