मीरगंज, बरेली। आखिरकार जिस बात का डर था, बाघिन ने वही कर दिया। वन विभाग की टीमें रबर फैक्ट्री में ही निगरानी करती रहीं। रात को बाघिन फैक्ट्री परिसर से बाहर निकल गई। फैक्ट्री से करीब 15 किलोमीटर दूर जंगल से घिरे मीरगंज तहसील के रामगंगा नदी के खादर के गांव गोरा हेमराजपुर मे खेत पर पानी लगा रहे दो किसान बाघिन के हमले से गंभीर रूप से घायल हो गए। आपको बता दे कि मीरगंज तहसील का दूरदराज का गांव गोरा हेमराजपुर रामगंगा नदी के खादर मे बसा हुआ है। रामगंगा नदी के इस तरफ गोरा हेमराजपुर और पुल के उस पार आंवला तहसील का भूड़ा बसंतपुर गांव है। जंगल से घिरे इस इलाके मे हिंसक जंगली जानवरों का आतंक रहता है। सीमावर्ती उत्तराखंड के आरक्षित वन्य क्षेत्रों से बाघ भी अक्सर भटककर इलाके में आ जाते है। गोरा हेमराजपुर के जंगल में पिछले सप्ताह भर से उत्तराखंड से भटककर आए एक बाघिन ने आतंक मचा रखा है। बाघिन की दहशत के चलते आसपास गांवों के लोग घरों में कैद होकर जाग-जागकर रात गुजार रहे हैं। बताया गया कि रविवार दोपहर मे गोरा हेमराजपुर के खादर इलाके मे किसान धर्मपाल सिंह अपने खेतों में पानी लगा रहे थे। तभी बाघ घनी झाड़ियों में से निकला और धर्मपाल पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। धर्मपाल के सिर में गहरा जख्म हो गया है। पास के खेतों पर काम कर रहे किसानों ने चीख-पुकार सुनी तो दौड़कर पहुंचे। देखा कि बाघ धर्मपाल सिंह पर हमला कर रहा था। फावड़ा उठाकर बचाने दौड़े चन्द्रपाल पर भी बाघ ने हमला कर दिया और भागकर घनी झाड़ियों में ही कहीं छुपकर गायब हो गया। बाघ के हमले मे धर्मपाल और चंद्रपाल दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए है। लोगों ने शोर मचाया तो बाघिन इन जंगल की ओर भाग गई। घायलों को तुरंत ही अस्पताल भेजा गया। वहां से बरेली रेफर कर दिया गया। सूचना पर डीएफओ के नेतृत्व में कई टीमें गांव में पहुंच गई। बाघिन के पदचिन्ह मिले हैं। कांबिंग की जा रही है। रामगंगा खादर का यह ज्यादातर इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है। अक्सर बाघ, तेंदुए और अन्य हिंसक जंगली जानवर आ जाते हैं और खेतों पर काम करने गए किसानों पर हमला कर देते है। सूचना पर मुख्य वन संरक्षक ने निर्देश पर डीएफओ भारत लाल, मीरगंज तहसील के रेंजर संतोष शर्मा, बरेली सदर से वैभव चौधरी समेत तमाम वन विभाग की टीमें गांव पहुंच गईं। जिस जगह पर किसानों पर हमला हुआ था। वहां का मौका मुआयना किया तो बाघिन के पदचिन्ह मिले। जिन प्रत्यक्षदर्शियों ने हमला होते देखा, उनको बाघिन की तस्वीरें दिखाई गईं। इससे स्पष्ट हो गया रबर फैक्ट्री में रहने वाली ही बाघिन ने ही किसानों पर हमला किया है। पूरे क्षेत्र में पुलिस और प्रधानों के माध्यम से सूचना भेज दी गई। कोई भी व्यक्ति अकेले खेत की ओर नहीं जाएगा। बाघिन अब फैक्ट्री के जंगल से बाहर निकल गई है। टाइगर रिजर्व पीलीभीत से भी विशेषज्ञों को बुलाया गया है। डीएफओ भारत लाल और मीरगंज तहसील क्षेत्र के रेंजर संतोष शर्मा का कहना है, हेमराज पुर गांव में बाघिन ने दो किसानों पर हमला किया है। किसानों को अस्पताल भेज दिया गया। क्षेत्र में कांबिंग कराई जा रही है। बाघिन के पद से मिले हैं। बाघिन के होने का सही स्थान मिलने पर रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव