बरेली। नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म करने वाला मीरगंज के मोहल्ला अफसरयान निवासी सीटू उर्फ शाने आलम सत्र परीक्षण मे दोषी पाया गया। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कोर्ट-3 अनिल कुमार सेठ ने आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास व 26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्माने की सम्पूर्ण रकम पीड़िता के इलाज व पुनर्वास के लिए दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक मीरगंज पुलिस ने इस मामले में पाक्सो एक्ट मे मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने ममेरी-फुफेरी बहनों को बरामद कर उनके कलमबंद बयान कराए थे। आरोप था कि उसकी नाबालिग भांजी उसके घर आयी थी। इसी रात सीटू उर्फ शाने आलम अपने दोस्तों के साथ उसकी भांजी और बेटी को स्कूटी और बाइक पर बैठाकर ले गए। ममेरी बहन ने बताया था उसके मोहल्ले मे सीटू उर्फ शानेआलम की कास्मेटिक की दुकान है। घटना से पहले वह उसकी दुकान पर अपने कॉलेज के प्रैक्टिकल का सामान लेने गयी थी। सीटू ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया और दुकान के पीछे बने कमरे में दुष्कर्म करके वीडियो क्लिप बना ली थी। इस पर सीटू उर्फ शाने आलम ने फोन करके कहा कि वह अपनी नाबालिग फुफेरी बहन के साथ उसके दोस्त की स्कूटी पर बैठकर आ जाये तभी उसकी वीडियो उसे वापस देगा। घटना वाली रात वह और उसकी नाबालिग बहन सीटू के दोस्त की स्कूटी पर बैठकर चली गयी। सीटू उर्फ शानेआलम ने बरेली कमरे मे बंधक बनाकर अपने नाबालिग दोस्त के साथ ममेरी-फुफेरी बहनो के साथ गैंगरेप किया। आरोपियों ने दोनों बहनों को हल्द्वानी ले जाकर भी गैंगरेप किया था। आरोपी सीटू उर्फ शानेआलम का दोस्त नाबालिग है। उसकी सुनवाई किशोर अदालत में चल रही है। पीड़िताओं ने बयान में सामूहिक दुष्कर्म होने की बात कही थी। अभियोजन ने 7 गवाह परीक्षित कराए थे।।
बरेली से कपिल यादव