महम /हरियाणा- शहर के बाई पास पर स्थित शेर ए पंजाब होटल के पीछे स्थित एक फैक्टरी में छापामारी कर पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब पकड़ी है। फैक्ट्री महम के एक डेरा संचालक की है जिसे किराए पर दिया गया था। एएसपी हेमेंद्र मीणा ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने पर शुक्रवार रात फैक्ट्री में छापा मारा गया तो अंदर सैकड़ों पेटी शराब की मिली। उनका कहना है कि पुलिस के आने से पहले ही फैक्ट्री में मौजूद मुख्य व्यक्ति भाग गए। केवल लैबर कर्मचारी पाए गए हैं। एएसपी ने बताया कि फैक्ट्री में पानी की बोतलें पेकिंग करने का काम होता था। लेकिन पानी की आड़ में यहां काम करने वालों द्वारा अवैध शराब तैयार करने का काम किया जाने लगा। यहां शराब तैयार करने की मशीन, रेपर व अन्य सामान मिला। आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि जांच के दौरान फैक्ट्री में अवैध रूप से शराब पाई गई। उन्होंने 1716 बोतल 25344 पव्वे शराब के बरामद होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां से 5 टंकी स्प्रीट, 3 टंकी में पानी जिसे मिलाकर शराब बनाई जानी थी मिला। उन्होंने करेजिरोमियो व रेस 7 नामक शराब के हजारों नकली रेपर होने की बात भी कही। इसके अलावा शराब बनाने व पैकिंग करने की मशीन भी मिली। उन्होंने कहा कि पकड़ी गई शराब को पुलिस ने कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले में छानबीन जारी है।
बदमाशों को पकड़ने आई थी पुलिस
जींद सीआईए पुलिस को इस फैक्ट्री के पास एक दो नामी बदमाश होने की सूचना मिली थी। जींद पुलिस सूचना के आधार पर शुक्रवार को फैक्ट्री में बदमाश को लगभग शाम 5 बजे पकड़ने आई तो अंदर का नजारा कुछ और ही मिला। यहां बदमाश तो नहीं मिले लेकिन जांच के दौरान अवैध शराब बनाने की मशीन व अन्य सामान उन्हें दिखाई दिया। जींद पुलिस ने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। उसके बाद एएसपी हेमेंद्र मीणा, थाना प्रभारी शमशेर सिंह पुलिस बल सहित मौके पर पहुंचे। तकरीबन रात दस बजे एसपी उदय सिंह मीणा खुद मौके पर आए। एसपी ने फैक्ट्री का दौरा किया तथा कुछ समय बाद ही लौट गए। लोगों का कहना है कि जींद जिले की पुलिस द्वारा महम में फैक्ट्री पकड़े जाने से स्थानीय पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। जहां शराब पकड़ी गई वहां नजदीक चौक पर तकरीबन हर समय पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कई महीनों से चल रही शराब की फैक्ट्री बारे महम पुलिस, सीआईडी व आबकारी विभाग को सूचना क्यों नहीं मिल पाई। यदि इनको सुचना थी तो अभी तक फैक्ट्री पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। ऐसा क्या था कि जींद पुलिस के हाथ सफलता लगी जबकि स्थानीय पुलिस सोती रही। सवाल काफी हैं। जिनसे पर्दा उठाया जाना चाहिए।