मानकों के विपरीत बन रही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 22 किलोमीटर सड़क : कवींद्र इष्टवाल

उत्तराखंड /सतपुली : बात पहाड़ में बन रही सड़कों की तो आप भी देख रहे होंगे आजकल लोग अपने अपने क्षेत्रों में बन रही सड़को की खराब गुणवक्ता की कहानी सोशल मीडिया के जरिये शासन प्रशासन को दिखा रहे हैं।लेकिन शायद सोने के सिक्कों की खनक में जनता की आवाज दब जा रही है

जी हां आज तक आपको हम बहुत सड़को की खराब गुणवत्ता की खबर आपको दिखा चुके हैं परन्तु जांच के नाम पर केवल खनापूर्ती होती है

आज जो हम बता रहे हैं ये नोगोंखाल (चौबट्टाखाल) से सुरखेत तुनाखाल सड़क की है जिसे PMGSY श्रीनगर बना रही है ये लगभग 22 किलोमीटर है जिसमे पांच कार्यदायी संस्था (ठेकेदार)है।जैसे कि आप फ़ोटो में देख रहे हैं कि किस प्रकार से कच्चे पत्थरो से स्कबर(कलमट) बन रहे हैं यदि इन स्कबरो पर कभी भारी वाहन निकलेगा तो ये स्क्रबर उसे नही झेल पायेगा।

ऐसी ही यहाँ पर डामरीकरण की तैयारी चल रही है जो पूरी तरह से कच्चे पत्थरो से होगी क्योंकि जो यहाँ पर पत्थर तोड़े जा रहे हैं वो यही का लोकल पत्थर है जो हल्के वजन से ही मिट्टी बन जाता है।

सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस प्रदेश सचिव कवींद्र इष्टवाल ने कहा कि सड़क बनने के कारण गांव वासियो का पानी की पाइप लाइन 8 माह से टूटी पड़ी है, इसकी शिकायत सम्बंधित अधिकारी से की परन्तु उनके कान में जूं नही रेंगी, सड़क के दोनों ओर सेप्टी दीवार न होने से लोगो के खेत लगतार टूटते जा रहे हैं और बरसात में गन्दा पानी और सड़क का मलवा लोगो के घरों में घुस रहा है , पूरी सड़क पर कच्चे पत्थरो का इस्तेमाल हो रहा है इस 22 किलोमीटर पर पूरी तरह से सरकारी धन को ठिकाने लगाया जा रहा है।

– पौड़ी गढ़वाल से इन्द्रजीत सिंह असवाल

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