आजमगढ़ -पुलिस लाइन आजमगढ़ सभागार में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के सन्दर्भ में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि पुलिस उपमहानिरीक्षक विजय भूषण आजमगढ़ परिक्षेत्र आजमगढ़ रहे। तथा कार्यक्रम का संचालन अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री एन पी सिंह द्वारा किया गया। पुलिस उपमहानिरीक्षक आजमगढ़ परिक्षेत्र आजमगढ़ श्री विजय भूषण ने बताया कि सन् 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम को पारित किया गया था। ये अधिनियम, 9 दिसम्बर, 2013, में प्रभाव में आया था। जैसा कि इसका नाम ही इसके उद्देश्य रोकथाम, निषेध और निवारण को स्पष्ट करता है और उल्लंघन के मामले में पीड़ित को निवारण प्रदान करने के लिये भी ये कार्य करता है।
ये अधिनियम विशाखा केस में दिये गये लगभग सभी दिशा.निर्देशों को धारण करता है और ये बहुत से अन्य प्रावधानों को भी निहित करता है जैसेर शिकायत समितियों को सबूत जुटाने में सिविल कोर्ट वाली शक्तियाँ प्रदान की है, यदि नियोक्ता अधिनियम के प्रावधानों को पूरा करने में असफल होता है तो उसे 50,000 रुपये से अधिक अर्थदंड भरना पड़ेगा, ये अधिनियम अपने क्षेत्र में गैर.संगठित क्षेत्रों जैसे ठेके के व्यवसाय में दैनिक मजदूरी वाले श्रमिक या घरों में काम करने वाली नौकरानियाँ या आयाएं आदि को भी शामिल करता है।
इस प्रकारए ये अधिनियम कार्यशील महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न के खतरे का मुकाबला करने के लिये युक्ति है। ये विशाखा फैसले में दिये गये दिशा निर्देशों को सुव्यवस्थित करता है और इसके प्रावधानों का पालन करने के लिये नियोक्ताओं पर एक सांविधिक दायित्व अनिवार्य कर देता।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर श्री सुभाष चन्द गंगवार, अपर पुलिस अधीक्षक यातायात, क्षेत्राधिकारीगण, श्रीमती हिना देसाई, निदेशक सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा, आजमगढ़, उपनिरीक्षक कल्पना मिश्रा, पीठासीन अधिकारी, जनपद.बलिया एव अन्य जनपद सें आयी महिलाएं सम्मिलित हुयी थी।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़