बरेली। महाशिवरात्रि इस बार बुधवार को मनाई जाएगी। पंडित मुकेश मिश्रा के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी व्यापिनी रात्रि में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार चतुर्दशी तिथि का आरंभ बुधवार पूर्वाह्न 11:07 बजे से हो रहा है और यह गुरुवार को सुबह 8:54 बजे तक रहेगी। महाशिवरात्रि की पूजा निशीथ काल मे की जाती है। इस बार महाशिवरात्रि पर बुधादित्य योग, मालव्य राजयोग व त्रिग्रही योग बन रहे हैं। धन के दाता शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। इन सुयोगों में शिवार्चन से भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण होंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि पर ही भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव सबसे पहले शिवलिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे।
पूजा विधि
पंडित विनीत शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन स्नानादि के बाद श्वेत वस्त्र धारण करें। भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। जल, दूध और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और बेर आदि चीजें अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं और आरती करें। शिव चालीसा का पाठ करें। भगवान शिव को विशेष चीजों का भोग लगाएं और प्रसाद वितरित करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
पूजन मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर शाम 6:29 से रात 9:34 बजे तक।
रात्रि दूसरा प्रहर: रात 9:34 से 12:39 बजे तक।
रात्रि तीसरा प्रहर रात 12:39 से तड़के 3:45 बजे तक।
रात्रि चौथा प्रहर: तड़के 3:45 से सुबह 6:50 बजे तक।
बरेली से कपिल यादव