महाविद्यालय परिसर में मौनी बाबा की प्रतिमा का हुआ अनावरण

आजमगढ़- गहजी स्थित महाविद्यालय परिसर मे मौनी बाबा के गगनभेदी जयकारे के बीच काशी के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज, रामानुज सम्प्रदाय के जगद्गुरु डा0 राधवाचार्य जी महाराज, म0 प्र0 के योगी श्री रामानन्द दास जी, श्री श्री 1008 श्री राम कृष्ण दास जी महाराज द्वारा नव निर्मित मन्दिर मे स्थापित सिद्ध संत दुर्वासा महामण्डलेश्वर ब्रह्मर्षि मौनी बाबा, श्री राम दरबार एवं श्री राधा कृष्ण की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। दूर- दराज से आये हजारों भक्तगण ब्रहमलीन मौनी बाबा के प्रतिमा की एक झलक पाने को बेताब थे। प्रातः काल से ही मौनी बाबा के प्रथम मन्दिर के दर्शन व हरिहरात्मक यज्ञ के मंडप परिक्रमा के लिए साधु संतों एवं श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा।
आयोजक फौजदार सिंह, डॉ0 दिवाकर सिंह (प्राचार्य), हरिद्वार सिंह इत्यादि के हाथों सात दिवसीय हरिहरात्मक यज्ञ की पूर्णाहुति क्रिया यज्ञाचार्य पं0 रामबली पाण्डेय, पं0 अशोक पाठक, व हरिनाथ शास्त्री सहित दर्जनों विद्वानों ने वैदिक रीति से सम्पन्न कराई।
कार्यक्रम मे अपने संम्बोधन में काशी के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने हरिहरात्मक यज्ञ की महिमा का बखान करते हुए कहा कि शिव और विष्णु अभेद हैं। यज्ञ के मंडप मे आवाहित देवताओं का अर्चन, सत्संग मे ज्ञान स्वरुप अनादि भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन और मेहनत के रुप में उपार्जित धन का भंडारे मे उपयोग तत्क्षण फलदाई है। उन्होनें कहा कि शिव की अष्ट प्रकृति सम्पूर्ण चराचर जगत में व्याप्त है। अपने सम्बोधन में संत मौनी बाबा को मृदु व सरल स्वभाव का कर्मयोगी बताते हुए कहा कि मौनी बाबा अपनी उपासना और आराधना-ज्ञान के माघ्यम से समाज मे अविद्या, भम, भ्रान्ति को दूर करते हुए लोगों का कल्याण करते रहे, अन्त मे उन्होने भारत सरकार से आग्रह किया कि राष्ट्र के हित मे सनातनी संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए कठोर जनसंख्या-कानून बनाकर सभी धर्मों के लिए समान रुप से लागू किया जाय। शंकराचार्य ने किसानों को उत्पादन का मूल्य निर्धारित करने का अधिकार देने की मांग की।
जगद्गुरु डा0 राधवाचार्य ने अपने उद्बोधन में यज्ञ एवं संत की महिमा का बखान करते हुए मौनी बाबा को महान संत बताया एवं उनके बताये मार्ग पर चलने की लोगों से अपील की। म0 प्र0 से पधारे योगी रामानन्द दास जी ने कहा कि सिद्ध संत मौनी बाबा मौन रहने के बावजूद भी समाज का सबसे अधिक कल्याण करते थे।
पं0 सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने मौनी बाबा के जीवन पर विधवत प्रकाश डाला। महाविद्यालय के प्रबंधक फौजदार सिंह, प्राचार्य डॉ0 दिवाकर सिंह, संजय सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए अंगवस्त्रम व मौनी बाबा का चित्र भेट किया। इस मौके पर सासंद नीलम सोनकर, शम्भूनाथ सिंह (पूर्व मंत्री), पंडित बजरंग त्रिपाटी, डॉ0 कन्हैया सिंह, प्रभु नारायण प्रेमी, डा0 मातबर सिंह, इन्द्रासन राय, राम मिलन सिंह, राजबहादुर सिंह, दिवाकर सिंह (एडवोकेट), मुसाफिर सिंह, बंम बंम गिरी जी महाराज, हाकिम बाबा, हरिनारायण सिंह मुन्ना बाबा, आद्या शंकर चौबे फलहारी बाबा, डॉ0 प्रमोद कुमार मिश्र, डॉ0 निखिल सिंह, पवन सिंह, नीलम सिंह, अनुराधा सिंह सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ0 सानन्द सिंह जी द्वारा किया गया।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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