बिहार/पटना – बालिका गृहकांड मुजफ्फरपुर में पति को लेकर चर्चा में आयी राज्य की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे पर राजनीतिक हचचल बढ़ गई है। राजग के नेताओं ने इसे सुशासन का प्रतीक बताया है वहीं महागठबंधन के नेताओं ने मंजू वर्मा के साथ-साथ मुख्यमंत्री से भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है। भाजपा के जिला अध्यक्ष रामसुमरन सिंह ने कहा है कि मंजू वर्मा ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। सरकार मुजफ्फरपुर कांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शुरू से प्रयासरत है। इसके लिए कानून भी अपना काम कर रहा है। सरकार के प्रयास से इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा।
जदयू की जिला अध्यक्ष व पूर्व सांसद अश्वमेघ देवी ने कहा कि मंजू वर्मा ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। कॉल डिटेल में पति का नाम आने के बाद मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। उनका इस्तीफा यह बताता है कि सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संकल्पित है। दोषियों को सरकार किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अबू तमीम ने कहा कि मंत्री पद से मंजू वर्मा का इस्तीफा स्वागतयोग्य है, लेकिन नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस्तीफा देना चाहिए। मुजफ्फरपुर की घटना से देश दुनिया में बिहार की छवि खराब हुई है। मंजू वर्मा के समस्तीपुर के प्रभारी मंत्री होने के कारण समस्तीपुर भी बदनाम हो रहा था।
राजद के जिलाध्यक्ष विनोद राय ने कहा कि मंत्री पद से मंजू वर्मा का इस्तीफा देर से उठाया गया सही कदम है। समाज कल्याण विभाग की विफलता के कारण ही इतनी शर्मनाक घटना हुई। मंत्री के इस्तीफे पर जिला राजद गुरुवार को विजय दिवस मनाएगा।
वही भाकपा माले के नेता व इनौस के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि मंजू वर्मा का इस्तीफा सही कदम है। हालांकि इस शर्मनाक कांड के आरोपितों को बचाने वाले सुशील मोदी और नीतीश को भी इस्तीफा करना चाहिए। भाकपा माले इसके लिए अपने आंदोलन को जारी रखेगा। सियासत का तापमान फिलहाल बढ़ा हुआ है देखना है, सीबीआई इस घटना की कितनी परतो को खोल पाती है।
-नसीम रब्बानी पटना बिहार