महाकुंभ भूमि के बढ़ते विवाद पर शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर जैदी ने दी अपनी प्रतिक्रिया

लखनऊ – प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कुंभ मेले के आयोजन स्थल की जमीन को ‘वक्फ’ संपत्ति बताने के दावों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इस मुद्दे पर अब लखनऊ के शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

“आफ़ताब-ए-मिल्लत” मौलाना जावेद हैदर जैदी ने कहा, “महाकुंभ हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का हिस्सा है। ऐसी संपत्ति को विवादित बनाना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे समाज में भ्रम और तनाव पैदा होता है। कुंभ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन सार्वजनिक उपयोग के लिए होती है और इसका मकसद लोगों को धार्मिक अनुभव प्रदान करना है। इसे लेकर राजनीतिक या धार्मिक विवाद खड़ा करना समाज के हित में नहीं है।”

उन्होंने कहा कि “कुंभ में आने वाले श्रद्धालु इस जमीन को अपने साथ नहीं ले जाएंगे। वे यहां पूजा-अर्चना करके लौट जाएंगे। ऐसे विवाद समाज के विकास और सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ हैं।”

मौलाना जावेद हैदर जैदी की अपील

मौलाना जैदी ने सभी समुदायों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर संयम और शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों को विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए और किसी भी दावे को कानूनी और तथ्यात्मक आधार पर निपटाया जाना चाहिए।

मामले पर बढ़ता तनाव

महाकुंभ की जमीन को लेकर किए गए ‘वक्फ’ संपत्ति के दावों ने न केवल हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच, बल्कि राजनीतिक पार्टियों के बीच भी चर्चा को जन्म दिया है। कई धार्मिक और राजनीतिक नेता इस मामले पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।

मौलाना जावेद हैदर जैदी के इस संतुलित बयान को समाज में विवाद को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। उनकी इस अपील से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जल्द ही समाधान निकलेगा।

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