*सम्भल के लिए हकीकत में चार चांद है शहर के चार डॉक्टर
*शहर भर में हो रही सम्भल के चार चांद की प्रशंसा
सम्भल- कोरोना काल मे जहा लोग कारोबार से हाथ धो बैठे है और सुबह की चाय के बाद दोपहर के खाने की फिक्र ओर फिर कभी सुबह तो कभी शाम को भूके पेट सो रहे लोगो पर निजी अस्पताल के डॉक्टर रहम तक नही खा रहे वही सम्भल के जाने पहचाने डॉ फ़हद, डॉ आसिम, डॉ अरविंद, व सक्सेना हॉस्पिटल में अपनी सेवा दे रहे डॉ शाने रब मरीजो के साथ प्यार मोहब्बत अदब के साथ तो इलाज करते ही इसके अलावा वह मरीज की माली हालत पर रहम खा उनके प्रति मुहब्बत भी निभा रहे। वरना इन दिनों डॉ साहब ने लूट खडोट का एक ओर रविया अपना रखा कि ऑपरेशन कोरोना काल मे किट के इस्तेमाल से महंगा हो गया है परिवार महीना भर से काम से हाथ धोय बैठा है डॉ साहब मजबूर की मजबूरी का फायदा उठा दिन में हज़ारों कमाने के बाबजूद। कोरोना काल मे भी मरीज की माली हालत देख कर भी इलाज सस्ता करने की जगह मंहगा किये हुए है। क्या फर्क पड़ता अगर इस माहौल में डॉ साहब एक ऑपरेशन पर 10 से 20 50 हज़ार न कमा 5हज़ार ही कमा लेते कम से कम ये कमाते तो उन लोगो से पूछो जिनको मजूबरी में हॉस्पिटल आना पड़ रहा है और खर्च भी पहले से ज़्यादा देना पड़ रहा है। कर्म है कि कुछ अच्छे डॉ भी शहर में अपनी सेवाएं दे रहे है वरना न जाने सम्भल शहर का हाल क्या होता।
सम्भल से सय्यद दानिश अली