मतदान के लिए विधानसभाओं में राजनीतिक दलों की मौजूदगी में किया जाएगा ईवीएम का आवंटन

आजमगढ़ – आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को नामांकन से मतदान के बीच तीन बार समाचार पत्रों में आपराधिक मामलों की जानकारी मतदाताओं को देनी होगी। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस नियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। वहीं, मतदान के लिए विधानसभाओं में ईवीएम का आवंटन राजनीतिक दलों की मौजूदगी में किया जाएगा। अधिकारियों के वाहन जीपीएस से लैस होंगे। साथ ही चुनाव के दौरान रैली, रोड शो और सभाओं के लिए अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए ज्यादातर मतदान केंद्रों की वेब कॉस्टिंग होगी। हेल्पलाइन नंबर 1950 को 24 घंटे के लिए सक्रिय किया गया है। इस पर आचार संहिता उल्लंघन और चुनाव से जुड़ी अन्य शिकायतें की जा सकेंगी।
आयोग ने कहा की रोड शो आदि पर विशेष निगाह रखी जाएगी। रोड शो की अनुमति में कार्ड सिस्टम लागू किया गया है। हर लोकसभा क्षेत्र में अलग रंग का अनुमति कार्ड जारी होगा। इसमें प्रत्याशियों को वाहनों की संख्या की छूट होगी, लेकिन प्रत्येक 10 वाहन के बाद ब्रेक देना होगा और इसके बाद 10 वाहनों का काफिला जुड़ सकेगा। स्कूली बच्चों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।
वहीँ प्रत्याशियों को नामांकन में तीन वाहनों की अनुमति होगी और 100 मीटर की दूरी पर यह रोके जाएंगे। नामांकन केंद्र पर पांच ही लोग रह सकेंगे। मतदान वाले दिन प्रत्याशी के साथ तीन वाहन होगा। वाहनों पर लगने वाले झंडों के लिए आकार और प्रकार निर्धारित किया गया है।गठबंधन वाली पार्टी के प्रत्याशी प्रत्येक पार्टी का झंडा लगा सकते हैं। इनका खर्च प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय शिक्षण संस्थान, अस्पताल और मतदान केंद्रों से 200 मीटर की दूरी पर होंगे। निजी भवन के उपयोग पर अनुमति लेनी जरूरी है। चुनाव आयोग ने व्यापारियों की सहूलियत के लिए नकद ले जाने की सीमा नहीं तय की है। इसमें प्रत्येक मामलों को अलग अलग देखा जाएगा। आयकर विभाग की टीम मजिस्ट्रेट और पुलिस के साथ सक्रिय होंगी, मगर वैध कागज प्रस्तुत करने पर उन्हें नहीं रोका जाएगा।जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग ने इको फ्रेंडली सामानों के उपयोग की अपील की है। इसमें चुनाव प्रचार से लेकर अन्य जगहों पर प्लास्टिक आदि के उपयोग नहीं करने की अपील की जाएगी।उन्होंने बताया की राजनीतिक दलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ऐसी भाषा के प्रयोग पर रोक होगी, जिससे दो समुदायों में वैमनस्य की संभावना हो। दूसरे राजनीतिक दलों की रैली आदि में व्यवधान नहीं करेंगे। प्रत्याशी और राजनीतिक दल व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगे।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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