*दमोह जिले में चल रहा निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार मजदूरों की जगह कराया जा रहा रातों रात जेसीबी मशीन से काम
मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा- तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गन आने वाले ग्राम पंचायतों में एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने के लिए सुदूर सड़क का निर्माण कार्य सरकार द्वारा कराया जा रहा जिसमें कहीं पर ग्राम पंचायत द्वारा कराया जा रहा है तो कहीं पर आरईएस विभाग द्वारा कराया जा रहा है लेकिन इन सभी निर्माण कार्य में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है जहां एक और प्रदेश सरकार कोरोना महामारी को देखते हुए गांव गांव गरीब मजदूरों को पंचायत में ही काम देने की बात करती आ रही है लेकिन इन्हीं पंचायत में हो रही विकास कार्यों में बिचारे मजदूरों काम ना मिलकर रातों रात जेसीबी मशीनों कराया जा रहा है इसी तरह का एक मामला तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गन आने वाली ग्राम पंचायत छिरकोना का सामने आया है जहां पर दिन के समय में ही ग्राम पंचायत में आरईएस विभाग द्वारा सुदूर सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है जिसमें मजदूरों को काम ना मिलकर दिन में ही जेसीबी मशीनों से कराया गया है जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है बाद में हमारी टीम ने उसकी खोजबीन शुरू की तो पता चला कि यह वीडियो कुछ ही समय पहले का है जहां ग्राम पंचायत छिरकोना में आरईएस विभाग द्वारा सुदूर सड़क के लिए पंचायत में जेसीबी मशीनों से मुरम की खुदाई कराई गई है जो कि दिन में ही मशीनों को चलाया गया है लेकिन इस और किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है सिर्फ मिलीभगत से जेसीबी मशीनों से काम कराया जा रहा है और प्रदेश सरकार के सपनों पर पानी फेर रहे हैं आपको बता दें कि अभी दमोह जिले में उपचुनाव चल रहे हैं जिसके कारण अधिकारी व्यस्त है जिसके कारण आरईएस विभाग और पंचायत द्वारा दिनदहाड़े जेसीबी मशीन से सभी कार्यों को कराया जा रहा है आपको बता दें कुछ ही दिन पहले हमारी टीम ने छिरकोना ग्राम पंचायत का एक मामला प्रकाशित किया था जिसमें सामुदायिक भवन निर्माण में कागजो में सामग्री के नाम राशि निकाली गई थी जिसके बाद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके सरपंच सचिव और अधिकारियों के हौसले बुलंद हैं और अपनी मनमानी से निर्माण कार्य को कराया जा रहा है
इसी तरह अन्य ग्राम पंचायतों में भी आरईएस विभाग द्वारा सुदूर सड़कों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है लेकिन अब यह पता करना जरुरी हो गया है कि इन ग्राम पंचायत में भी जेसीबी मशीनों से ही काम कराया जा रहा है या फिर मजदूरों से गांव में रहने वाले गरीब मजदूर काफी परेशान हैं इन मजदूरों से मजदूरी नहीं कराई जा रही है मजदूरी नहीं मिलने से ग्रामीण अपने परिवार का भरण पोषण तक ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं सबसे ज्यादा परेशानी उन मजदूरों को होती है जिनके पास खेती करने के लिए एक इंच भी जमीन नहीं है यह लोग केवल मजदूरी के भरोसे ही निर्भर रहते हैं गांव में काम नही मिल पाने की वजह से अधिकतर मजदूर शहरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर होते हैं
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार का एक मकसद था कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों को कम से कम 100 दिन रोजगार मिले जिससे गरीब मजदूरों को मजदूरी के लिए शहरों की तरफ पलायन ना करना पड़े और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो इसलिए सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों को आदेश किया था कि गावों में होने वाले विकास कार्यों में मनरेगा के तहत गरीब मजदूरों से मजदूरी कराई जाए जहां अब कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रदेश सरकार ने फिर दूसरी बार प्रदेश भर में लॉकडाउन लगाया है कि कोरोना संक्रमण ना बढ़े और ना ही कोई बाहर जाए जिसको लेकर पंचायतों में लोगों को काम देने के भी निर्देश पहले ही कर दियें है लेकिन पंचायत में हो रहे निर्माण कार्य में जेसीबी मशीनों का दिनदहाड़े उपयोग किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार इन कार्यों को मजदूरों की जगह अपनी कमाई करने के चक्कर में जेसीबी मशीनो से काम करने में लगे हुए हैं अब देखना यह है कि अन्य ग्राम पंचायतों में भी आरईएस विभाग द्वारा कराए जा रहे काम में मजदूरों से काम कर रहे हैं या फिर जेसीबी दहाड़ रही है इस संबंध में अधिकारियों द्वारा बात नहीं की गई है।
विशाल रजक, तेन्दूखेड़ा