कुशीनगर : मजदूरी करके सम्भलता था दो परिवार, हैराबाद में हुआ दुर्घटना अपनो को छोड़ गया मनीष ।
कुशीनगर : गरीब मजदूरों की जिंदगी में आफत मानो घात लगाकर बैठी रहती हैं जब थोड़ी भी खुशी दिखती हैं तो उनके किस्मत को यह रास नही आती और कोई न कोई ऐसी आफतो का पहाड़ टूट जाता है जिससे किसी एक नही बल्कि पूरा परिवार की खुशियां बिखर जाती हैं। ऐसी ही कहानी कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थानाक्षेत्र के मथौली बाजार यादव टोला स्थित मनीष सहनी की भी हैं जिसने बचपन से ही जद्दोजहद करते हुए अपने परिवार को मुस्किलो कि घड़ी में सम्भलता रहा पर अपनो के खुशियों के लिए हैदराबाद में मजदूरी करने के दौरान हादसे में हुई मौत ने उसके परिजनों को बेसहारा और दो मासूम बेटियो को अनाथ कर दिया।
कप्तानगंज थानाक्षेत्र के मथौली बाजार यादव टोला निवासी 26 वर्षीय मनीष पुत्र स्व० रामआसरे सहानी हैदराबाद में रहकर रंगाई-पुताई का काम करता था । कोरोना के कारण कई महीनों से घर रह रहा था। खेती भी महज 6 कट्ठे हैं जिसमें खाने भर का भी अनाज नही हो पाता। आर्थिक तंगी हो गयी और 8 दिन पहले ही घर से पुनः हैदराबाद जाकर पुताई के काम मे लग गया। बीते शनिवार को जब वह पुताई का काम कर रहा था तभी हाईटेंशन तार की चपेट में आ कर नीचे गिर गया जिससे उसके सिर में चोट लग गयी कान और मुँह से खून निकलने लगा जिसे देख साथी मजदूर और ठेकेदार मिलकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराये जहाँ रविवार को दोपहर में उसकी मौत हो गयी । मनीष की मौत की सूचना गाँव मे पहुचते ही मातम छा गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
मनीष तीन भाई में सबसे छोटा मनीष और एक छोटी बहन थे पिता छोटी सी गुमटी चलकर सबकी देखभाल करते । दो बड़े भाईओ की शादी के बाद पिता की बीमारी से मौत हुई और परिवार का बटवारा हो गया । जिसके बाद बूढ़ी माँ और बहन का जिम्मा भी मनीष के ऊपर था । दूसरे के खेतों में मजदूरी करके किसी तरह मनीष ने 10 तक कि पढ़ाई पूरी किया पर उसके बाद वह पढ़ाई छोड़ मजदूरी करने प्रदेश चला गया ।कुछ दिन हैल्फर का काम करने के बाद रंगाई पुताई का काम सीख लिया और उसी की कमाई से मानसिक रूप से अस्वस्थ माँ जिनका इलाज कराता छोटी बहन की शादी पाँच साल पहले कर दिया ।
मनीष की शादी 4 साल पूर्व अहिरौली थानाक्षेत्र के नथुआ गाँव की चांदनी से हुई जिससे दो बेटिया अंकित 3वर्ष और अंशिका 9 महीने की हैं । मनीष के दुसरे भाई बाला साहनी की भी मौत बीमारी के चलते 3 साल पूर्व होने के बाद मनीष ने अपने भाई के परिवार का भी जिम्मा उठाया था। भाई के एक बेटा और एक बेटी को पढ़ाने का काम मनीष अपनी मजदूरी के पैसो से करता। लॉकडाउन में आमदनी की दिक्कत देखते हुए एक छोटी सी दुकान घर मे ही खुलवाया ताकि घर खर्च चल सके। घर की दुकान घरवालों के जिम्मे छोड़ एक बार फिर कोरोना में कमी के बाद शुरू हुए काम को देख आठ दिन पहले ही हैदराबाद पहुचा और रंगाई पुताई के काम मे लग गया।
हैदराबाद में मनीष के साथी अजय ने बताया कि मनीष का शरीर ज्यादा भारी नही होने से वह आउटर की दीवारों पर झूलेपैट से काम अधिक करता क्योकि उस काम मे पैसे अधिक मिलते थे। आउटर पेंटिंग के दौरान ही मनीष हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर गिर गया।
मनीष के बड़े भाई नेबुलाल सहानी कहते हैं कि हम चाहते है कि अपने भाई के शव की अंतिम विदाई गाव से की जाए पर दूरी बहुत अधिक है जिसे लाने में बहुत अधिक पैसा और समय लगेगा इस लीये कुछ समझ नही आ रहा कि हम क्या करे। गाँव के मुन्ना यादव, पंचम , भीम , अमन, मंदीप, पप्पू आदि लोगो ने मनीष के परिवार को जनप्रतिनिधियों गरीब परिवार की मदद में लिए गुहार लगाए हैं ।
– अनूप कुमार,कुशीनगर