भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा ग्राम पंचायत कुदपुरा

*दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कुदपुरा का मामला

मध्यप्रदेश /दमोह- एक तरफ जहां शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को पूर्ण सुबिधा देने के लिये निरंतर प्रयासरत है और कई तरह की योजनायें चलाकर पंचायतों को मूलभूत सुबिधायें देने के लिये अग्रसर है जिसमें मुख्य रूप से बिजली सड़क और पानी जैसी कई सुबिधाओं के लिये शासन पंचायतों पर लाखों रुपये खर्च करती है जिससे ग्राम पंचायत के लोगों को किसी प्रकार की कभी परेशानी ना हो। लेकिन वहीं शासन के कुछ नुमाइंदों द्वारा इन सब योजनाओं को ताक पर रखा जा रहा है जिससे लोगों को शासन के द्वारा दी गई योजनाओं का लोगों को पूर्ण रूप से लाभ नहीं मिल पाता है।
अगर जब किसी भी अधिकारियों से इस समस्याओं को लेकर बात करना चाहो तो अधिकारी बात करने की वजह अपना मोबाइल फोन बंद कर लेते हैं।
किया है मामला:-
तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत कुदपुरा मेंं कैसे सीसी रोड व नाली निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढा एक नजर डालते हैं शासन की योजनाओं पर आप खुद ही अंदाजा लगा लेगें कि किस कदर ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव सहित अधिकारी भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं
आपको बता दें की तेन्दूखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत कुदपुरा में प्रकाश यादव के घर से लेकर खिरका तक सीसी रोड व नाली निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था जिसकी पांच लाख एक्सठ हजार सात सौ पचास रुपये स्वीकृत हुई थी जिसकी बिलिंग भी 20 सितंबर 2017 को हो गयी है पर मामला यह है कि सीसी रोड तो बन गया है और कुछ नाली भी बन चुकी है लेकिन गुणवत्ताहीन बनी हुई है। आपको बता दें की करीब एक वर्ष बीत गया है लेकिन नाली निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है खैर रोड नाली कैसी बनी या क्यों अभी तक नाली निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ है लेकिन सरपंच सचिव के द्वारा पंचायत की राशि पूरी निकाल ली गयी है।लेकिन शायद इससे किसी भी अधिकरियों को कोई सरोकार नहीं है अगर ऐसा होता तो विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही जरुर करते। लेकिन2017 में निकाली गयी और 2018 भी गंतव्य की ओर है मगर किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही अभी तक शुरू नहीं हुई
। जब इस संबंध में सहायक यंत्री केपी पटेल से बात की तो उन्होंने बताया कि सीसी रोड का निर्माण कार्य पूरी तरह से घटिया हुआ है जिसकी वजह से सीसी जारी नहीं किया गया है।
पंचायत में कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है और राशि निकाल ली गयीं:-
आपको बता दें की इसमें मुख्य बात यह है कि सीसी रोड तो घटित हुआ है साथ ही स्वीकृत राशि भी पूरी निकाल ली गयीं है यह बात संम्बन्धित आधिकारियों की जानकारी में भी नहीं है लेकिन फिर भी अब तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है इससे साफ प्रतीत होता है कि जरुर इस कार्य में कर्मचारियों से लेकर ठेकेदार और अधिकारियों तक में बंदरबांट हुआ होगा। जिससे पंचायत में किया गया उक्त कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
एक कार्य तो हुआ नहीं और अधिकारियों ने दूसरे कार्यो की भी दे दी अनुमति:-
जब एक कार्य सही से ना किया गया हो तो दूसरे कार्य की अनुमति कैसे दे दी जाती है यह बात पंचायत संम्बन्धित अधिकारी ही बात सकते हैं जबकि पंचायत में पुराना कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है न ही पूर्ण ना होने की राशि वापिस लौटाई गयीं है। अब ऐसे में अधिकारी कैसे इन ठेकेदारों को दूसरे कार्य की अनुमति दे देते हैं और कैसे इन ठेकेदारों को दूसरे काम की अनुमति दे देते हैं और कैसे यह बात भी मान लेते हैं कि दूसरा काम सही से होगा यह बात बिल्कुल समझ से बिल्कुल परे है।
पंचायत की राशि तो निकाल ली गयी है लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं किया गया है:-
वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार का क्रम जारी है जो कमला सेन के घर से स्कूल तक सीसी रोड और नाली निर्माण के लिये सात लाख आठ हजार रुपये की राशि स्वीकृत हुई है उसमें से छयासठ हजार पांच सौ रुपये करीब दो सप्ताह पहले निकाल लिये गये है लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ न ही कोई भी निर्माण कार्य का सामान निर्माण स्थल तक पहुंचा हो । अब ऐसे में आप क्या कहेंगे कार्य अच्छा होगा या होगा भी या नहीं। बुंदेलखंड में एक कहावत है जिसकी बानगी ग्राम पंचायत कुदपुरा में देखने को मिलती है सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का अब देखना यह बाकी है कि अधिकारी इस सम्बंध में क्या कार्यवाही करते हैं हा एक बात और अगर सरपंच सचिव ठेकेदार और सम्बन्धित अधिकारियों के बीच बंदरबांट हुआ है तो निश्रित रुप से कोई भी कार्रवाई नहीं होगी और आखिर कार इस विषय को अधिकारियों द्वारा रफा दफा कर दिया जायेगा।
इस संबंध में क्या कहते हैं अधिकारी सीधी बात:-
उक्त सीसी रोड में गुणवत्ता सही नहीं पाये जाने के कारण सीसी जारी (पास) नहीं किया गया है में कल इस विषय में बात करता हूँ।
( केपी पटेल सहायक यंत्री तेन्दूखेड़ा)
क्या कहते हैं जनपद सीईओ:-
इस संबंध में जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी का कहना है में सहायक यंत्री से बात करना पडे़गी फिर आगे की कार्रवाई की जायेगी
( मनीष बागरी सीईओ जनपद पंचायत तेन्दूखेड़ा)

– विशाल रजक, मध्यप्रदेश

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