भ्रष्टाचार की भेंट चढी प्रधानमंत्री की योजनाएं

*आवासो से लेकर शौचालय में जमकर हो रही बंदरबांट।

*प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव ने किया है शौचालय में लाखों का घोटाला अन्य मदों मे किया गया बङे पैमाने पर भ्रष्टाचार।
* योगी सरकार में भी ग्राम प्रधान व सिकरेट्री करते हैं जमकर मनमानी।
*सरकार की योजनाओ को पाने की लिए जनता कर रही त्राहि – त्राहि ।

मितौली/खीरी- पूरे प्रदेश के लगभग सभी गाँवों का एक जैसा हाल है सबका साथ सबका विकास सिर्फ पोस्टरों और भाषणों में रह गया है, धरातल पर इसका उदाहरण तक नही मिलता सभी प्रधानों का एक सूत्रीय कार्यक्रम है गरीबों को अगर कोई काम प्रधान से करवाना है , तो उसकी कीमत पहले देनी पड़ती है काम बाद में कहकर टाल दिया जाता है और अगर कोई जानकर ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो उसको उसकी कीमत अलग से चुकानी पड़ती है प्रधान और ब्लॉक् अधिकारी मिलकर उसको इतना मजबूर कर देते है कि बाकी ग्रामीण डरकर घबराकर फिर किसी प्रधान या अधिकारी की शिकायत नही करते है, उसकी सबसे बड़ी वज़ह यही है की उत्तरप्रदेश सरकार की लापरवाही सरकार के अधीन किसी भी फरयादी की शिकायत पर महीनों ध्यान नही देते है जिसका फायदा उठाकर अधिकारी और प्रधान ग्रामीणों से जबरन धमकाकर मामले को जहाँ के तहॉ दबा दिया जाता है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढी प्रधानमंत्री योजना इस महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगा रहे पंचायत सेक्रेटरी व प्रधान आपको बता दे विकास खंड मितौली कि ग्राम पंचायत सेमरावॉ में निर्माण की धज्जियां उङाते नजर आ रहे प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी अपनी मनमानी के चलते योगी सरकार के दिशा निर्दोष को ठेंगा दिखाते है उधर ग्रामीणों ने बताया कि खाते से जबरन रुपये ट्रासफर करा देते है और लाभार्थियों को पता भी नही चल पाता है की पैसा गया तो गया कहां है और कुछ लाभार्थी जब इसका विरोध करते है तो सीधे अच्छा खासा कमीशन लेने की बात कहते और घटिया सामर्गी से निर्माण कराते और जो पैसे न देने की बात कहता है।
उससे अपना कमीशन तीस चालीस हजार रुपये तक ले लिया जाता है हलाकि इतने बङे पैमाने पर भ्रष्टाचार को अजांम दे दिया जा रहा और इस बात की भनक जिम्मेदारों को नहीं लग पा रही है हलाकि की सूत्रों की माने तो नाली खंङजा व खङजा मरम्मत कार्य कुआ मरम्मत कार्य व मनरेगा मे काफी भ्रष्टाचार हुआ है।आपको बतादे कि भजन के मकान से सीता के मकान तक खड़ंजा निर्माण व मरमत कार्य को लेकर तीन बार पैसा निकाला गया।
वहीं राधेश्याम के मकान से कल्लू गाजी के मकान तक खड़ंजा निर्माण व मरम्मत कार्य हेतु दो बार पैसा निकाला गया । वही नल मरम्मत कार्य के लिए भी पैसा निकाला गया लेकिन सभी कार्य कागजो तक ही सीमित है।
फ़र्जी तरीके से बिल बाउचर लगा करके सरकारी धन हङपा गया जो कि विकास कार्य ग्राम पंचायत सेमरावॉ मे कही पर नजर नहीं आ रहे और कुछ लोगो ने ये भी बताया की मनरेगा के कार्य मे मजदूरों को नगद एक सौ पचास रुपये दे दिया जाता है ग्राम प्रधान ने साफ अपने बयानो मे कहा कि जो कुछ किया है वह सब ब्लाक में है।
इससे साफ तौर से जाहिर हो रहा कि सिर्फ कागजी घोङा दौङाकर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया अगर ग्राम पंचायत सेमरावॉ की निष्पक्षता से जांच कराई जाये तो लाखो रुपये का घोटला उजागर होगा लेकिन यह नामुमकिन दिख रहा और साफ साबित हो रहा है खंड विकास अधिकारी इस भ्रष्टाचार के खेल मे संलिप्त नजर आ रहे है।
वर्ष 2016, 17 , 18 ग्राम पंचायत पर कराए गए कार्य सरकार निष्पक्ष जांच करा ले तो प्रधान रूपचन्द की भ्रष्टाचारी ग्राम पंचायत सचिव ज्ञानेंद्र मिश्रा की काली कमाई का पर्दा पास हो जाएगा।

रिपोर्टिंग -हसन जाज़िब आब्दी

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