मीरजापुर- देश के किसानों के लंबे संघर्ष एवं अलग-अलग किसान संगठनों के साथ विमर्श के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू किया। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की भूमि अधिग्रहित किए जाने के एवज में 4 गुना मुआवजा दिया जाना तय हुआ था। साथ ही मुआवजे की राशि के भुगतान के बाद ही प्रोजेक्ट का काम शुरू करने और भूमि अधिग्रहित होने के 5 साल के भीतर यदि कार्य शुरू नहीं होता है तो किसानों को उनकी भूमि वापस दिए जाने का प्रावधान किया गया, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने सत्ता पर काबिज होते ही भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर करने की कोशिश की और किसानों के जबरदस्त विरोध के चलते उन्हें अनशन वापस लेने पड़े। इसके बाद सरकार की मंशा हमेशा से किसानों के खिलाफ रही। उन्नाव में पिछले दिनों जो कुछ हुआ वह इसी का नतीजा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए किसानों की अधिग्रहित की गई भूमि का उचित मुआवजा मिलने के विरोध में किसान भाइयों का आंदोलन लगातार तीन माह से जारी भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम राज पटेल की अगुवाई में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए 28 नवंबर की दोपहर 12 बजे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश त्रिपाठी सुंदरपुर, जमुई धरना स्थल पर किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे और किसान हित में आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा करेंगे।
मिर्जापुर से बृजेन्द्र दुबे की रिपोर्ट