बरेली। डीआईजी राजेश कुमार पांडे के पशु प्रेम की काफी चर्चा है। कुछ फोटो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें वह अपने हाथों से बंदरों और कुत्तों के लिए भोजन खिलाते दिख रहे हैं। डीआईजी ने रामगंगा जाकर भूखे बंदरों को चने और केले खिलाये। इसी तरह से धोपा मंदिर जाकर रात में भूखे कुत्तों के लिए रोटियां ले जाकर अपने हाथों से खिलाईं। आइए आपको बताते हैं कि डीआईजी राजेश पांडेय में क्यों जगा लॉकडाउन में पशु प्रेम। लॉक डाउन के चलते सभी घरों में कैद हैं। लोग इंसानों को भोजन खिलाने के लिए कम्युनिटी किचेन चला रहे हैं। लोगों के लिए जगह-जगह भोजन बंटवाया जा रहा है, लेकिन बेजुबानों के लिए कोई कुछ खिलाने वाला नहीं है। डीआईजी को पता चला रामगंगा के पास बड़ी मात्रा में बंदर है। वहां लोग दूर-दूर से बंदरों को चना और फल खिलाने आते हैं। लेकिन लॉक डाउन के कारण बंदरों के लिए कोई कुछ खिलाने नहीं आ रहा है। डीआईजी राजेश पांडेय अपने अमले के साथ रामगंगा पर पहुंचे। जैसे ही उन्होंने गाड़ी रुकी। सैकड़ों की संख्या में बंदर आकर उनके चारों तरफ बैठ गए। डीआईजी कार से नीचे उतरे। बंदरों का समूह उनके चारों तरफ बैठ गया। अपने हाथों से बंदरों को केले और चलने खिलाये। दूसरी घटना धोपा मंदिर में हुई डीआईजी राजेश पांडेय मंदिर में पहुंचे तो पुजारी ने कहा, बेजुबान कुत्तों के लिए कई दिनों से भोजन नहीं मिला है। लॉकडाउन के कारण कोई भी इनके लिए खाना खिलाने नहीं आ रहा है। यह सुनते ही डीआईजी के मन में पशु प्रेम की भावना जगी। मंदिर से सीधे अपने आवास पर पहुंचे। आवारा कुत्तों के लिए रोटियां बनवाईं। रात में ही वापस मंदिर जाकर कुत्तों के लिए अपने हाथों से रोटियां खिलाईं। यह वीडियो भी उनका वायरल हो गया। डीआईजी के पशु प्रेम की सराहना हो रही है।।
– बरेली से कपिल यादव