भारत को यशस्वी बनाने मे आरएसएस की प्रमुख भूमिका – रामलाल

बरेली। रविवार को केशव कुंज आरएसएस कार्यालय मे अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत द्वारा लिखी पुस्तक यशस्वी भारत का विमोचन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष बरेली कॉलेज के पूर्व प्राचार्या डॉ एनएल शर्मा रहे। ये कार्यक्रम आरएसएस के सम्पर्क विभाग (बरेली) द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे आये रामलाल ने कहा कि संघ देश को बड़ा करने, ऊंचा करने, मजबूत करने के लिये बना है, भगवा ध्वज और भारत माता के मध्य का अटूट बंधन ही संघ है। आंखे बंद करके देखने वालों के लिये भले ही संघ टेड़ी खीर है। जैसे भारत को समझने के लिये पूर्ण भारतीय दृष्टि चाहिए। उसी प्रकार संघ को पूर्ण गहराई से समझने के लिये संघ के साथ आना पड़ता है।भ्रम को दूर करने के लिये पहले संघ को समझना चाहिए। विवेकानंद ने भी संघ की विचारधारा के अनुरुप ही अखंड़ भारत के पक्षधर थे। प्रथम संघ संचालक सर हेडगेवार मूल रूप से चिंतक थे। 1925 मे संघ की स्थापना के समय उनका ध्येय समाज के सभी वर्गों को साथ लाकर संग्रहित करना था। डॉ एन एल शर्मा ने अपने उध्बोधन में कहा कि हमारी शिक्षा नीति में परिवर्तन आया है। संघ की संरचना को ग्रहण करते हुए तमाम विचारकों ने शिक्षा को नव दिशा प्रदान की। वैसे हर अक्षर स्वयं मे संवाद करता है। जैसे संघ में दो शब्द होते है। जिसमें सं से तातपर्य संस्कृति तथा घ से घटित करना होता है।इसका पूर्ण मतलब संस्कृति को सही प्रकार के नई पीढ़ी के सामने घटित करना या समझाना होता है ताकि वे भविष्य की योजनाओं का क्रियान्वयन सही प्रकार से कर सके। भारतीयता के समावेश का ज्ञान नई पीढ़ी या नए बच्चो को होना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन डॉ आनंद पाठक ने किया। मंच पर विभाग संह संचालक कैलाशचंद्र गुप्ता, कृष्ण चंद्र, राधेश्याम भी आसीन रहे। कार्यक्रम में आये गणमान्य अतिथियों मे डॉ विवेक मिश्रा, डॉ अजय शर्मा, डॉ राघवेंद्र शर्मा, डॉ विवेक शर्मा, महेश, पंकज श्रीवास्तव, मनीष अग्रवाल, सम्भव शील, अमित शर्मा, आलोक प्रकाश, मनोज वाजपेयी एडवोकेट, आशीष विद्यार्थी, अभिनव कटरु, पंडित विष्णु देव पाठक, संजीव अग्रवाल, विनय कृष्ण, राजन विद्यार्थी, सी एस अंकित अग्रवाल, आशीष सक्सेना, डॉ स्वतंत्र कुमार, डॉ केशव अग्रवाल, डॉ आशुतोष प्रिया, योगेश शर्मा, शुशांत शंखधार, संजीव कुमार आदि मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *