भारतीय लोकमंच पार्टी ने अमित शाह के शाही स्वागत पर उठाए सवाल

पटना: भारतीय लोकमंच पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रियरंजन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के शाही स्वागत पर सवालिया निशान खड़ा किया है। प्रियरंजन सिंह ने कहा कि एक तरफ़ जहाँ बिहार के किसान फसल की चिंता को लेकर आत्महत्या कर रहे हैं,दलित अपने उपर हो रहे अत्याचार से परेशान हैं,मुसलमान भाजपा,बजरंग दाल द्वारा फैलाए जा रहे क्षेत्रीय तनाव और दंगों से तंग आ चुका है,वहीं दूसरी तरफ़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन तमाम चीज़ों के ज़िम्मेवार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं।प्रियरंजन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जी को जवाब देना चाहिए कि कल तक वो अमित शाह को दंगों का प्रतीक मानते थे आज अचानक क्या हो गया कि उन्हें अपना सब कुछ मानने लगें?मुख्यमंत्री को यही बताना चाहिए कि आख़िर बिहार को केंद्र की मोदी सरकार ने ऐसा क्या दे दिया कि पूरी सरकार अमित शाह के केवल चरण वंदना कर रही है बल्कि सरकार के मंत्रियों कि ऐसा सेवा भक्ति कभी दिखाई ही नहीं दी है।माँझी ने सरकार के लोगों से सवाल पुछते हुए कहा कि क्या बिहार को विशेष स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिल गया?क्या बिहार को विशेष पैकेज मिला? क्या पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया? जब बिहार को इमलेगों ने कुछ दिया ही नहीं तो फिर काहे का इतनी सेवा भक्ति। प्रिय रंजन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि अगर सही में सेवा भाव से काम करने का मन है तो फिर मुख्यमंत्री जनता की सेवा करें जिससे राज्य का भला हो पाए। कुछ लोकसभा सीट के लिए अमित शाह के आगे पीछे कर नीतीश कुमार ने बिहार के अस्तित्व और विकास का दाँव भाजपा के सामने लगा दिया है।
इससे पहले इन्हीं लोगों ने मुख्यमंत्री की काफी फजीहत कराई थी ।डीएनए तक पर सवालिया निशाना खड़ा कर दिया था। हद तो हो गई थी जब भाजपा नेताओं ने सीमांचल में जाकर यह कहा था कि भारतीय जनता पार्टी हारती है और नीतीश कुमार के लोग चुनाव जीत जाते हैं तो बिहार का यह इलाका पाकिस्तान हो जाएगा, ऐसे बयान देने वाले नेताओं की गोद में जाकर बैठना बिहार के मान सम्मान के साथ समझौता करने जैसा है।
-नसीम रब्बानी पटना बिहार

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