बरेली। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जी का 2901वां जन्म कल्याणक बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम से जैन धर्मावलंबियो ने मनाया। शहर के रामपुर गार्डन और बिहारीपुर स्थित जैन मंदिरों में सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। गुरुवार को सर्वप्रथम 1200 वर्ष प्राचीन भूगर्भ से प्राप्त भगवान पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा का अभिषेक स्वर्ण कलश व शांति धारा स्वर्ण झारी से श्रद्धालुओं ने की। बिहारीपुर जैन मंदिर में मध्यप्रदेश से पधारे प्रतिष्ठाचार्य संजय सरस भैया जी (चिचोली वाले) ने कल्याण मंदिर विधान कराया। 48 दीपों की आरती के बाद बिहारीपुर जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ जी के भजनों की धुन के साथ सौधर्म इंद्र बने अनुयायियों ने अपने साथी इंद्रों के साथ पालकी यात्रा निकाल कर पांडु शीला पर ले जा कर भगवान का अभिषेक किया। पालकी यात्रा मंदिर से निकाल कर कुतुबखाने चौराहे होते हुए, सब्जी मंडी, सिटी पोस्ट ऑफिस, चौपला रोड से मंदिर जी वापस पहुंचीं। पालकी यात्रा में पीत वस्त्रों से सज्जित महिलाएं कलश ले कर चल रही थी, भगवान के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा, भजनों की धुनों पर थिरकते श्रद्धालु भगवान की भक्ति में मगन दिखे। सांयकाल महिलाओं ने जरा हल्का झोटा दीजो आदि भजनों के माध्यम से भगवान के प्रतिरूप को झूला झुलाया, आरती, प्रश्न मंच एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। विधान व पालकी यात्रा में ट्रस्ट के सचिव प्रकाश चंद्र जैन, मीडिया प्रभारी सौरभ जैन, उपमंत्री राजेश जैन, जीएल अरोड़ा, राजेंद्र जैन, राजकुमार जैन, वैभव जैन, संदीप देसाई, सुमन कुमार जैन आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव