बरेली। सावन मे भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। शिवभक्त विधि-विधान से महादेव का पूजन करते हैं। गंगाजल से अपने आराध्य का अभिषेक करते है। भगवान शिव की आराधना के पवित्र माह सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है। इस माह में राशियों के अनुसार भगवान भोलेनाथ का पूजन और अभिषेक करना अधिक लाभदायक माना जाता है। बरेली के पंडित उमा शंकर शास्त्री ने सावन में भगवान शिव जी के पूजन मे तमाम वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। मगर कुछ खास सामग्री भगवान जी की खास प्रिय है। धर्म शास्त्रियों के अनुसार गंगाजल, बेलपत्र, दूध, भांग, धतूरा और गन्ने का रस ज्यादा पसंद है। पूजन में इनका प्रयोग अधिक लाभदायी है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के पूजन में लाल रंग की वस्तु का इस्तेमाल नहीं कर सकते। मगर तीन तरह के लाल फूल कनेर, गुलहड़ और कमल ऐसे हैं, जो भगवान शिव के पूजन में चढ़ाए जा सकते हैं। ये शिव जी प्रिय हैं। इसके अलावा लाल गुलाबी गुलाल का प्रयोग भी कर सकते है। शिवपुराण के रुद्रसंहिता के अनुसार सावन मे रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है। सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देव: शिवात्मका: अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं। सभी देवता रुद्र की आत्मा मे है। पंडित उमाशंकर शास्त्री ने बताया कि रुद्राभिषेक मे भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा होती है। यह भगवान शिव का प्रचंड रूप है। कहा जाता है कि सावन मे रुद्र ही सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। रुद्राभिषेक से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है। व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही परिवार मे सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।।
बरेली से कपिल यादव