बरेली। इस साल कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडियट की बोर्ड परीक्षा के बिना ही सभी को प्रमोट करने का फैसला हो चुका है। जल्द ही इनका रिजल्ट भी घोषित हो जाएगा। इस साल भले ही परीक्षा नहीं हुई और शिक्षा विभाग ने चैन की सांस ले ली है। लेकिन बोर्ड अफसरो को एक बात की टेंशन सताने लगी है। क्योंकि बीते कुछ वर्षो में लगातार यूपी बोर्ड छात्र-छात्राओं की सख्या में कमी होती जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी साल पिछले साल के मुकाबले बोर्ड परीक्षा में करीब पौने पांच हजार छात्र-छात्राओं के कम पंजीकरण मिले है। 2020 में जहां कुल 96913 पंजीकरण थे जिसमें से हाईस्कूल मे 57530 परीक्षार्थी और इंटरमीडियट में 45383 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। कुल मिलाकर 96913 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था। लेकिन 2021 की बोर्ड परीक्षा में पिछले साल के मुकाबले करीब पौने 5 हजार परीक्षार्थी कम मिले। 2021 में कुल 92062 पंजीकरण हुए। जिसमे से हाईस्कूल में 50619 और इंटरमीडियट में 41443, कुल मिलकार 92062 ने अपना पंजीकरण कराया। वहीं दूसरी ओर साल 2018 मे कुल मिलाकर 107152 ने अपना पंजीकारण कराया था। तब से लगातार हर साल बोर्ड परीक्षा मे शामिल होने वालो की कमी होती जा रही है। यही कारण है कि शिक्षा विभाग के अफसर लगातार इन कम होते आंकड़ों को लेकर टेंशन में है। वहीं दूसरी ओर से बोर्ड मुख्यालय ने भी छात्र-छात्राओं के कम पंजीकरण के कारण हैरानी जताई है। शिक्षा विभाग के अफसरों का अनुमान है कि बीते कुछ वर्षो मे शासन ने बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए कई सख्त नियम तय कर दिए। परीक्षा अब सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कराई जा रही है। यहां तक कि परीक्षा कक्ष मे आवाज की रिकॉर्डिंग करने के लिए वाइस रिकॉर्डर तक लगाए गए। सभी परीक्षा केन्द्रों की लाइव रिकॉर्डिग तक कराई गई। इन्हीं सख्त नियमों के कारण नकल माफियाओं के हौसले टूटते नजर आए। सबसे ज्यादा पंजीकरण में कमी देहात क्षेत्र के स्कूलों में आई है। विभागीए सूत्रों की माने तो देहात क्षेत्र के स्कूलों में सबसे ज्यादा पास कराने का ठेका होता है। बिथरी चैनपुर, फरीदपुर, भुता, भोजीपुरा समेत कई इलाकों मे नकल भी पकड़ी जा चुकी है। लेकिन बीते कुछ वर्षो मे परीक्षा मे सख्ती के बाद से इन क्षेत्र मे भी पंजीकरण मे तेजी से कमी आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन्हीं क्षेत्र के स्कूलो में नकल माफिया ठेका कर छात्रों को परीक्षा पास कराने का ठेका करते आए है लेकिन बोर्ड की सख्ती के कारण नकल माफियाओं के हौसले टूटे है।।
बरेली से कपिल यादव