बैंड संचालकों ने एसडीएम को सुनाई अपनी पीड़ा, मांगी आर्थिक सहायता

बरेली। लॉक डाउन की वजह से शादी समारोह पर रोक लगने से बैंड संचालकों की इनकम भी बंद हो गई। जिससे बैंड संचालक आज भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। बैंड संचालकों ने तहसील में पहुंचकर एसडीएम को अपनी पीड़ा सुनाई। बैंड संचालकों ने दर्जनभर से अधिक कारीगरों के साथ शादियों में बैंड बजाने की अनुमति देने की गुहार लगाई। इसके साथ ही कारीगर मास्क व सैनिटाइजर के साथ काम करेंगे। बैंड संचालकों ने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की। लॉक डाउन में शादी समारोह न होने से बैंड संचालकों की मार्च-अप्रैल और मई की सारी बुकिंग कैंसिल हो गईं। बैंक संचालकों का यही सीजन होता है। 22 मार्च से बैंक संचालक और बैंड में काम करने वाले कारीगर घरों में खाली बैठे हैं। जिससे संचालक और कारीगर भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। गुरुवार को बैंड बारात वेलफेयर एसोसिएसन के पदाधिकारी तहसील पहुंचकर एसडीएम से मिले। उपाध्यक्ष जब्बार हुसैन ने एसडीएम को बताया कि वे कारीगरों का पूरे साल का ठेका करते हैं। ठेका करते समय साहूकारों से कर्जा लेकर कारीगरों को एडवांस धनराधि देते हैं। उन्होंने कारीगरों को धनराशि दे दी। उसके बाद उनकी सारी बुकिंग कैंसिल हो गईं। काम ठप होने से घर बैठे हैं। साहूकार कर्ज की धनराशि मांग रहे हैं। कर्जा चुकाने को उन्हें आर्थिक सहायता दी जाए। बैंड संचालकों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर शादियों में बैंड बजाने की अनुमति देने की गुहार की। बैंड बारात वेलफेयर एसोसिएसन के अध्यक्ष अनीस अहमद ने कहा उन्हें 11 लोगों के बैंड में पांच लोगों के लाइट और एक आदमी के बुग्गी पर काम करने की अनुमति दी जाए। ज्ञापन देने वालों में अकबर, फिरोज, मोमीन हुसैन, कढ़ेरराम, शराफत हुसैन, पुष्पेंद्र, विश्नू, बब्लू आदि प्रमुख हैं।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *