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बेसहारा पशुओं का सहारा बनी हैं सुनीता: बीमार आवारा पशुओं का कराती हैं इलाज

*बीमार आवारा पशुओं का कराती हैं इलाज, रोजाना सैंकड़ों पशुओं को देती हैं भोजन
*सुनीता की पहल का हो रहा है असर, बड़ी संख्या में जुड़ रही महिलाएं

गाजियाबाद- बेजुबान और बेसहारा पशुओं के खाने और उन्हें चिकित्सकीय सेवा मुहैया कराने के लिए सुनीता पिछले ढाई साल से लगी हुई हैं। उनके इस काम से सोसायटी और आसपास के एरिया की दर्जनभर से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। उनकी सेवा का ही असर है कि उनके घर से बाहर निकलते ही बेसहारा जानवर उन्हें घेर लेते हैं।
नगर के गुलमोहर एंक्लेव निवासी सुनीता भाटिया पिछले ढाई साल से बेसहारा और बेजुबान पशुओं के लिए काम कर रही हैं। वह रोजाना सैंकड़ों बेसहारा पशुओं और पक्षियों के खाने पीने का प्रबंध करती हैं। सोसायटी की दर्जनभर से अधिक महिलाएं भी उनके इस काम मे उनका साथ देती हैं। वह रोजाना सोसायटी के प्रत्येक घर से बचा हुआ भोजन एकत्र करती हैं और फिर उसे सड़क पर घूमने वाले बेसहारा गाय, कुत्तों आदि को डालती हैं। इसके लिए वह प्रतिदिन सुबह और शाम दो-दो घण्टे सड़कों पर घूमती हैं। कोई बीमार पशु मिलता है तो उसके उपचार की व्यवस्था भी सुनीता खुद के ख़र्च से उठाती हैं। इसके अलावा सुनीता सोसायटी के ही परिवारों से पुराने कपड़े एकत्र कर उन्हें गरीबों को वितरित करती हैं। उनके इस काम में सोसायटी के लोग बढ़-चढ़कर उनका सहयोग करते हैं। सुनीता की इसी सेवाभाव का नतीजा है कि सुनीता घर से निकलकर किसी भी रास्ते मे निकल जाएं, सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशु उन्हें घेर लेते हैं। सुनीता के पशुओं के प्रति सेवा भाव को देखते हुए सोसायटी के लोग उन्हें इस काम के लिए आर्थिक मदद तक करते हैं। इसके अलावा यदि सोसायटी के किसी भी घर में कोई कार्यक्रम होता है तो वह कम से कम 10 पशुओं के भोजन की व्यवस्था सुनीता भाटिया को कराते हैं। गुलमोहर एंक्लेव के ही गौरव बंसल बताते हैं कि सुनीता भाटिया द्वारा की जाने वाली पशु सेवा से सभी लोग प्रभावित हैं। सभी उनके इस काम मे अपना योगदान देते हैं।

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