बेरोजगारी या मजबूरी: जीविकोपार्जन के लिए मासूम भी निकल जाते है कमाने की ओर

*मासूमो के हाथ मे कॉपी किताब की जगह कूड़ा थैली देखते रहे ग्रामीण

*सरकार के द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं की खुलती पोल

वाराणसी/सेवापुरी – प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी अंतर्गत सेवापुरी विकास खंड के गोराई बाजार स्थित नहर के समीप रह रहे कुछ वनवासियों के बच्चे जिनके हाथ में वर्तमान समय में कॉपी किताब व कंधे पर बस्ते होना चाहिए,वही मंगलवार को राकेश कुमार के दो पुत्री व एक पुत्र नंदिनी,सुनैना व रवि किशन के हाथ में कूड़ा बीनने वाली थैली नजर आ रही थी।रवि किशन से पूछने पर यह जानकारी मिली की उसके पिता की स्थिति दयनीय होने के कारण वह अपने बहनों के साथ सुबह घर से निकल कर कूड़ा बीनने का कार्य करते हुए उसे रद्दी के दुकान पर बेचकर परिवार का जीवकावर्जन करने का कार्य करते हैं विदित हो कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा तमाम योजनाएं बेटियों व बेरोजगारो के लिए चलाई जा रही है उसके बावजूद भी इन बच्चियों के हाथ में कॉपी किताब की जगह कूड़े की थैली देख राहगीर सन्न हो गए और सभी ने एक निगाह से देखते रहे उनके आंखों में आंसू आने लगा क्या विधि का विधान ईश्वर ने बनाया है की अमीरों के लड़के लड़कियां पढ़ने के लिए विदेश तक कि सफर तय कर रहे है वही गरीबी स्थिति में झेल रहे लोगों की लड़के और लड़कियां स्कूल की तरफ भी नजर उठा कर नहीं दे सकती क्योंकि उनको उस स्कूल में बगैर फीस कॉपी बस्ते के दाखिला भी नहीं दिया जाएगा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एक नजर इधर भी।

रिपोर्ट:-एस के श्रीवास्तव विकास जंसा

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