बेबस मन की बात मौजूदा हालात में आमजन के साथ : राजू चारण

राजस्थान/बाड़मेर – कुछ लोगों की तो मति अब भी मरी हुई है। अपने भगवान की भक्ती में भी उनकी सोच पर आज-कल ताला लग चुका है।अब अंधभक्तो के तर्क भी एक से बढ़कर लाजवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। कह रहे हैं साजिश के तहत कोरोना भड़भड़ी फैलाया जा रहा है। सरहदी इलाकों में कोई व्हाट्सएप युनिवर्सिटी धारी फाइव जी नेटवर्क शुरू करने से पहले वाली प्रोब्लम्स बता रहे हैं। रेडिएशन के संपर्क में आने से घरों में पक्षियों की चहचहाहट आज-कल बंद हो गई है।

जब हरिद्वार कुंभ में लाखों लोगों ने श्रद्धा और विश्वास से डुबकी लगाई तब एक शब्द इनके मुहं से नहीं निकला।ये वो ही प्राणी थे पिछले साल, जब सौ दौ सौ तब्लीगी जमात वालों को इन्होंने विलेन करार देते हुए कोरोना भड़भड़ी को सांप्रदायिक बता दिया था। ये भूल गए होगे की मरकज के आयोजक मौलाना साद आज तक गिरफ्तार नहीं हुए,क्योंकि सब पहले से ही प्लांट था।

आजकल कुम्भ से जो तीर्थयात्री वापस लौटे उन्होंने कइयों को लौटे में हरिद्वार लौटा दिया। अब ये नहीं कहेंगे हमारा हिन्दुत्व खतरे में हैं। खैर अच्छी बात है इस बार हमारे धर्म विशेषज्ञ छुट्टीयों पर है और मौजूदा हालात में विज्ञान ड्यूटी पर है। ये नहीं पूछेंगे बंगाल में आठ चरण में चुनाव खुद की सुविधा और लोगों की दुविधाओं के बावजूद क्यों करवाए गए। पहले से मंदी की मार झेल रहे लोगों को ये यह नहीं पूछेंगे, कोरोना भड़भड़ी में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर क्यों लोगों को और क्यों जिंदा मार रहे हो। ये यह नहीं पूछेंगे पीएम केयर फंड में फर्म से दलाली खाकर राज्यों को घटिया वेंटिलेटर क्यों भेजे। अब वो वेंटिलेटर किसी काम के नहीं है और मरीज को उनपर रखना रिस्की हो गया।ये यह तो पूछेंगे राज्यों से की ऑक्सीजन प्लांट समय पर चालू क्यों नहीं किए। यह नहीं बताएंगे कि जनवरी से मार्च तक केंद्र की मंजूरी और टेंडर के लिखित आदेश है। तीन माह से पहले एक प्लांट को चालू करना क्या मेडिकली सम्भव है।

मौजूदा हालात को देखते हुए देशभर में आक्सीजन प्लांट कैसे एक सप्ताह ओर महिने में लगाए गए हैं। यह ये नहीं बताएंगे कि मेडिकल सप्लाई करने वाले क्रयोजेनिक टैंकर सिर्फ दस फीसदी हमारे पास है… यह ये नहीं पूछेंगे कि बिना वैक्सीन प्रोडक्शन की नीति के बावजूद अपनी इमेज बचाने के लिए पार्षद की तरह अठारह साल के युवा मतदाताओं को वैक्सीन लगाने की वाहवाही बटोरने वाली घोषणाएं करी ही क्यों ? इन्हें पता था भूड का ठीकरा फूटेगा लोगों के आक्रोश का इसलिए वैक्सीन खरीद के लिए राज्यों को शामिल कर दिया। ये कोरोना को वैश्विक महामारी तभी मानते हैं जब उनके भगवान पर आंच आ जाए। वरना इनकी सरकार जहां नहीं है वहां तो ये इनके लिए राज्य की एक बीमारी हो जाती है।

मौजूदा हालात को देखते हुए हमारे सांसद द्वारा पिछले दो-तीन साल से जनता जनार्दन की मांग को देखते हुए बाड़मेर बांद्रा टर्मिनल वाया समदड़ी-भीलड़ी रेल मार्ग पर चलने वाली रेलगाड़ी भी बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर रेल्वे मंत्रालय और अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित समय-सारणी के अनुसार हावड़ा ब्रिज वाया आनन्द विहार के लिए समय की उपलब्धता के आधार पर तैयार खड़ी है, लेकिन सांसद महोदयजी द्वारा दिल्ली प्रवास के दौरान रेलमंत्रालय में जाकर रेलमंत्री से उक्त रेलगाड़ी को शुरू नहीं करवा पाए यह एक दुखदाई बात है बाड़मेर जिले के लाखों मतदाताओं के लिए। सबसे ज्यादा परेशानी बाड़मेर जैसलमेर प्रवास के दौरान सांसद को दिल्ली जाने के लिए कभी कभार जोधपुर से रेलगाड़ी पकड़नी पड़ती है या फिर जैसलमेर जाकर हवाई सेवाओं को। जबकि कोराना भड़भड़ी के दौरान बाड़मेर हावड़ा ब्रिज वाया आनन्द विहार रेल सेवा ने सबसे ज्यादा राजस्व रेल्वे को देने का श्रेय प्राप्त किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए भी रेलगाड़ियों रेलमंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है लेकिन बाड़मेर जिले के लोगों के साथ में सौतेला व्यवहार क्यों।

जयपुर ओर जोधपुर रेल्वे अधिकारियों द्वारा एक रेलगाड़ी का रेक बाड़मेर जिले से लम्बी दूरी की कोई भी रेलगाड़ी शुरू करने के लिए तैयार थी उसको भी चेन्नई रेल मंडल को नहीं सुहाता वह भी स्पेशल एकल फैरा के नाम पर खानापूर्ति कर बाड़मेर चेन्नई एक्सप्रेस को भी लेकर बुधवार को जा रही है।

अब हर हिन्दू को ये हनुमान चालीसा का पाठ करना सिखाएंगे। जैसे हमारे घरों में कोई मंदिर नहीं है और हम भगवान को नहीं मानते होंगे शाय़द नास्तिक होंगे।हनुमान चालीसा की जगह ब्लाक स्तर के छोटे-छोटे अस्पतालों में मरीजों को बेहतर तरीके से इलाज़ करवाने के लिए समय-समय पर सिलेंडरो और दवाओं को सप्लाई का काम तेजी से करो तो हनुमानजी जरूर ज्यादा प्रसन्न होंगे। दरअसल इनकी सोच सड़ चुकी है। इनके लिए लोगों की जिंदगी बचाने से ज्यादा अपनी इमेज बचाना जरूरी है।अभी इनका दिमाग सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कोई मास्टरस्ट्रोक खोजने में जुटा हुआ हैै। अरे भाई आज जब हम देश के हेल्थ सिस्टम और सरकार को कोस रहे हैं तो क्या गुनाह है इसमें,सवाल खड़ा करने पर कैसे कैसे आप हमारे को सर्टिफिकेट बांट रहे हो…गलतियांं कामकाज करने वाले लोगों से अक्सर होती रहती है.. आप तो सिर्फ स्वीकार करें और जरूरत है की मौजूदा हालात में बिमाारियों से ग्रसित लोगों का जल्दी स उचित इलाज का समाधान हो।

– राजस्थान से राजू चारण

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