बरेली। मौसम मे बदलाव से बुखार, सांस की बीमारी और पेट में तकलीफ के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले में 81 केंद्रों पर स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। मेले में वायरल बुखार वाले मरीजों की संख्या अधिक रही। रविवार को शहर के विभिन्न अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर (यूपीएचसी) पर लगे मेले की तस्वीर कुछ और ही रही। कई केंद्रों पर डॉक्टर अनुपस्थिति रहे। ओपीडी और मरीजों की प्राथमिक जांच का जिम्मा केवल स्टाफ के भरोसे ही चलता दिखाई दिया। आरोग्य मेले में सुबह से ही लोग दवा और परामर्श के लिए पहुंचे थे लेकिन डॉक्टर नदारद पाए गए। इनमें बाकरगंज, पुराना शहर, समेत अन्य यूपीएचसी पर फार्मासिस्ट, एएनएम और पैरामेडिकल स्टाफ ही मरीजों को देखकर दवा देते मिले। मरीजों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मेले का उद्देश्य तभी सफल होगा जब विशेषज्ञ डॉक्टर समय पर उपलब्ध रहेंगे। सीएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मेले के दौरान नोडल अधिकारियों ने विभिन्न केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए। इस पर सीएमओ ने कहा कि सभी अनुपस्थित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा और जवाब असंतोषजनक मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि आरोग्य मेले का मकसद आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। ऐसे में डॉक्टरों की अनुपस्थिति बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी मेलों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और इसकी नियमित मॉनिटरिंग भी हो। कई मरीजों को बुखार के साथ ही सीने में दर्द और सांस लेने मे परेशानी रही। स्वास्थ्य मेले मे 32 मरीजों की मलेरिया जांच की गई। जिले मे अब तक मलेरिया के 1738 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य मेले में लोगों को मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरूक किया गया।।
बरेली से कपिल यादव