बालिकाओ के लिए विधालय नही,कहां पढोगी बेटियों

राजस्थान/बाड़मेर- बाङमेर जिले मे महिला कालेज खोले जा रहे, किन्तु कई ब्लाक मुख्यालय पर बालिकाओ के लिए विधालय नही है। जो थे उन्हे अग्रेजी माध्यम के विधालय मे बदल दिया है। प्रत्येक ब्लाक पर 4-4 करोङ से हास्टल बन रहे है, किन्तु बेटियो के लिए अलग से स्कूल नही है।बाड़मेर जिले मे 8 नये बालिकाओ के लिए हास्टल बन गये किसके लिए,जब बालिकाओ के लिए विधालय नही।

बेटी पढाओ अभियान
भाषण खूब होता है पोस्टर लगते है।कार्यक्रम की खबर मे नाम भी प्रकाशित होते है।

बेटियो की शिक्षा के लिए अगल विधालय पर खामोशी/मौन क्यो और कब तक?
ब्लाक मुख्यालय पर बालिकाओ के लिए अलग विधालय नही है, जो थे उनको को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मे बदल दिए गए।

ब्लाक मुख्यालय बालिकाओ के लिए महाविद्यालय खोलने की बात कही जा रही है,जब विधालय नही है।समदङी मे बालिका महाविद्यालय है, किन्तु विधालय नही है। सहशिक्षा विधालयो मे बालिकाओ को अध्ययन मे परेशानी का सामना करना पङता है।सहशिक्षा विधालय मे कम से कम महिला शिक्षका होना आवश्यक है।

बालिका विधालय
पंचायत मुख्यालय एव 5000 से अधिक आबादी मे कस्बे मे बालिकाओ के लिए विधालय खोलने की आवश्यकता है।सहशिक्षा विधालयो मे बालिकाओ के लिए कक्ष आधुनिक सुविधाजनक शौचालय निर्माण सहित विधालयो मे महिला शिक्षका की नियुक्त

बालिका छात्रावास है, विधालय नही
जहा पर बालिका छात्रावास बन हुए या बन रहे है। कई जगह पर बालिकाओ के लिए विधालय नही है।ग्रामीण क्षेत्र मे छात्रावास परिसर मे बालिका विद्यालय का निर्माण करवाया जा सकता है।

गाॅव मे बालिका महाविद्यालय
ब्लाक मुख्यालय पर बालिकाओ के लिए विधालय नही है, कही महाविद्यालय खोल दिए गये।बजट 2024-25 मे सिणधरी ब्लाक मे एक गांव चाडो की ढाणी मे बालिकाओ के लिए महाविद्यालय खोल दिया। कई ब्लाक मुख्यालय पर बालिकाओ के लिए विधालय नही है, किन्तु कई गांवो मे बालिका विद्यालय है। उच्च माध्यमिक स्तर के विधालय है। अतिरिक्त कक्षा कक्ष एव स्टाफ की कमी हो सकती।

सहशिक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय
सहशिक्षा विधालयो (9-12) मे बालिकाओ को कई परेशानियो का सामना करना पङ रहा है।बालिकाओ के लिए अलग से कक्ष मय शौचालय आधुनिक सुविधाजनक सहित नही है।कई विधालयो मे एक भी महिला शिक्षका नही है। जिसके कारण बालिकाओ को मानसिक परेशानी का सामना करना पङता है। विधालयो मे कई बार बालिकाओ के साथ घटनाऐ होती रहती है।सहशिक्षा मे बालिकाओ का नामांकन कम होता है, उपस्थिति कम होती है।

– राजस्थान से राजूचारण

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