बारगाहे परवरदिगार में लोगो ने रात भर रो-रो कर अपने गुनाहो से कि तौबा

भदोही – शअबान कि पंद्रहवी शब यानी शबे बरआत वाली रात मग़फ़िरत वाली रात नेजात वाली रात गुनाहो से छुटकारे वाली रात को औलिया-ए-कराम के आस्तानो पर रात भर अक़ीदत मंदो का हुजूम देखने को मिला लोग आस्ताने आलिया पे हाज़िर हो कर जहां फातेहा पढ़ी तो वहीँ तिलावते क़ुरआने हकीम करते हुए नज़र आये। रात भर पूरा शहर इबादतों में मशगूल रहा एक तरफ जहां बड़े बुज़ुर्ग और नौजवान तथा छोटे बच्चे रात भर इबादत करते रहे तो वहीं मुस्लिम घरो से ख्वातीने इस्लाम ने भी रात भर अपने परवरदिगार की हम्दो सना में मशगूल रही। शहर की तमाम मस्जिदें नमाजियों से गुलजार रहीं तो वहीं अपने गुनाहो पे नादिम होकर बख्शीश कि दुआ की।शबे क़द्र की रात मस्जिदों में लोग नवाफ़ि नमाज़ अदा कर परवरदिगार से दुआ कि ऐ अल्लाह जो बीमार है उसे शेफ़ा अता फरमा जो रोज़ी से परेशान है उसे रोज़ी अता कर जो परिशाने हाल है उनकी परेशानियो को दूर कर ऐ मेरे अल्लाह मुझसे जो गलतियां हुई है उसे माफ़ कर दे मेरे परवरदिगार मैं अपने गुनाहो पे शर्मिन्दा हूँ तुही माफ़ करने वाला तुही बख्शने वाला है ऐ अल्लाह तुही इज़्ज़त देने वाला है ऐ अल्लाह जब तक दुनिया में रख ईमान के साथ रख जब दुनिया से उठा ईमान के साथ उठा। ऐ अल्लाह तू हमें नमाज़ी बना दे तू हमें परहेज़गार बना दे तू हमारे दिलो में मुस्तफा जाने रहमत सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम कि सच्ची मोहब्बत पैदा कर दे। रात भर मस्जिदों में नमाज़ियों ने परवरदिगार के हुज़ूर अपने गुनाहो पे नादिम हो कर रो-रो कर मग़फ़िरत कि दुआएं की।तो वहीँ औलिया-ए-कराम के आस्ताने पे हाज़री दे कर फ़ैज़याब होते रहे। वहीँ पूर्व विधायक ज़ाहिद बेग, असलम महबूब अंसारी, सभासद गुलाम हुसैन संजरी, हाजी एहतेशाम अहमद सिद्दीकी, हाजी शफक़त इमाम सिद्दीक़ी, डॉक्टर शफ़ाअत इमाम सिद्दीक़ी, खुर्शीद इकबाल सिद्दीकी, फिरोज इकबाल सिद्दीकी, मो. सबीह सिद्दीकी, मो.नसीम अख्तर सिद्दीकी, शाहिद इकबाल सिद्दीकी, नदीम अख्तर सिद्दीकी , मो. सना सिद्दीक़ी, मो.अली सिद्दीक़ी, वसीम अख्तर सिद्दीकी, सहाबुद्दीन खा, नूरैन खां, आदिल सिद्दीकी, सब्बू खान, नईम खान बच्चा खां इसरार अंसारी, राशिद मालिक, याक़ूब कुरैशी, वकील अंसारी, शहर के तमाम औलिया-ए-कराम के आस्तानो पर हाज़री दी जहां तमाम आलमे इस्लाम के लिए दुआ की तो वही दुनिया में अम्नो अमां व् अपने मुल्क व् शहर में अम्नो अमां के लिए दुआ की।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी

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