बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। रबड़ फैक्ट्री के जंगल में कोयला और डिस्टलरी प्लांट के बीच तालाब के पास सप्ताह भर पहले खुले आसमान के नीचे पड्डा बांधा गया था। रविवार को बाघिन ने शिकार कर घनी झाड़ियों में ले गई। जब वन विभाग की टीम देखती रह गई हालांकि वन विभाग की टीम उसे बेहोश कर पकड़ने का दावा कर रही है। वन विभाग की टीम ने फिर से वार्डन को पकड़ने के लिए उसी स्थान पर दूसरा पड्डा बांधा गया है। इससे पहले भी बाघिन वन विभाग की ओर से बांधे गए शिकार हो निवाला बनाकर टीम को चकमा देकर निकल चुकी है। रबड़ फैक्ट्री के जंगल में करीब तीन माह से बाघिन वन विभाग की टीम के साथ लुकाछिपी का खेल खेल रही है। वन विभाग के अधिकारी बाघिन को पकड़ने के लिए तमाम योजना बनाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन बाघिन उनके दावों की पोल खोलते हुए हर योजना को विफल करती नजर आ रही है। एक्सपोर्ट के निर्देश पर रबड़ फैक्ट्री के आधे से ज्यादा जंगल मे टीम ने पांच पिंजड़े और 24 कैमरे लगा रखे हैं। प्रधान और मुख्य वन संरक्षक बाघिन को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान का जायजा लेकर दिशा-निर्देश देकर जा चुके हैं। लेकिन बाघिन अब भी वन विभाग की पकड़ से दूर है। दो महीने पहले बाघिन की चहलकदमी कोयला प्लांट में होने पर टीम ने वहां खुले में पड्डा बांधा था, जिसे बाघिन ने निवाला बना लिया। इसके बाद बाघिन वन विभाग को नहीं दिखी। टीम ने उसके लोकेशन बदलने का दावा किया। इसके बाद मंदिर के पास डिस्टलरी प्लांट में तालाब के पास बाघिन की लोकेशन मिलने पर सप्ताह भर पहले वहां खुले आसमान के नीचे पड्डा बांधा गया। रविवार की रात बाघिन उसका भी शिकार करके झाड़ियों में खींच ले गई और वन विभाग की बाघिन को पकड़ने की योजना फिर धरी रह गई। हालांकि पड्डे का शिकार करने से टीम उसकी सटीक लोकेशन मिलने पर जल्द उसे पकड़ने का दावा कर रही है। लेकिन लोगों के यह बात गले नहीं उतर रही। लोगों का कहना है कि तीन महीने से बाघिन इलाके में डेरा जमाए बैठी है। लगातार उसकी आवाजाही देखी जा रही है। मगर वन विभाग की टीम सिर्फ जल्द पकड़ने के दावे तक ही सीमित है।
बाघिन की सटीक लोकेशन लेने के लिए तालाब के पास खुले में बांधे गए पड्डे का शिकार बाघिन ने कर लिया है। सटीक लोकेशन मिलने के कारण बाघिन को बेहोश कर पकड़ने की योजना जल्द कारगर होगी। – भरत लाल, डीएफओ
बरेली से कपिल यादव