बरेली। जनपद मे लगातार हो रही बारिश और उत्तराखंड के गौला बैराज से छोड़े गए 55 हजार क्यूसेक पानी ने तराई और रोहिलखंड के गांवों मे चिंता बढ़ा दी है। किच्छा नदी का जलस्तर खतरे से ऊपर बह रहा है। वही बहगुल, दोजोडा, रामगंगा और देवहा नदियां भी उफान पर हैं। बहेड़ी, मीरगंज, फरीदपुर और आंवला क्षेत्र के गांव बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं। खेतों में कटान और जलभराव से गन्ना व धान की फसलें डूब रही हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर तटबंधों की निगरानी तेज कर अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों के मुताबिक बहेड़ी में किच्छा नदी, मीरगंज में पश्चिमी बहगुल, दोजोडा नदी और फरीदपुर, मीरगंज, आंवला व नवाबगंज में रामगंगा और देवहा नदी प्रवाहित होती है। किच्छा नदी में पानी बढ़ने से बहेड़ी के गांव रतनपुर नौडांडी, रजपुरा, रिछोली, मुकरमपुर समेत दर्जनों गांव चपेट में है। यही हाल मीरगंज इलाके का है। रामगंगा, बहगुल नदी मे लगातार जलस्तर बढ़ने से कटान हो रहा है। नदी किनारे बसे गांव सुल्तानपुर, धर्मपुरा, मीरपुर, दुनका, बफरी अब्दुलनबीपुर, जुन्हाई आदि गांवों में गन्ना, धान की फसल जलमग्न हो गई है। लगातार बारिश और नदियों में छोड़े जा रहे पानी से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। खेतों की फसलों के साथ किसानों की रोजी-रोटी पर भी खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत और कटान रोकने के स्थायी इंतजाम की मांग की है।।
बरेली से कपिल यादव