बरेली। प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया हो रही है। सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों ने इसे भारी भरकम बताते हुए इसकी जमकर सराहना की है। वही सपा बसपा और कांग्रेस से जुड़े लोगों ने इसे केवल लोक लुभावन बताया है। इस भारी भरकम बजट में बरेली वासियों को एम्स को लेकर फिर मायूसी हाथ लगी है। भाजपा का गढ़ होने के बावजूद भी इस बजट में बरेली के लिए अलग से कोई घोषणा नही की गई है। विगत चुनाव में बरेली वासियों ने भाजपा को दिल खोलकर वोट दिया था और पूरी उम्मीद जताई थी कि समय आने पर शहर के विकास के लिए भाजपा भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से बरेली वासियों को पूरी उम्मीद थी कि इस बार बरेली को हर हाल में एम्स और सेंट्रल यूनिवर्सिटी जरूर मिलेगी। इसके अलावा मेडिकल कालेज, एयरपोर्ट से बड़े शहरों के लिए फ्लाइट की पूरी उम्मीद थी। विधायक ने उठाया था एम्स का मुद्दा बजट में कई बड़े शहरों के लिए कई सारी घोषणाएं हुई लेकिन बरेली को कुछ नहीं मिल सका। लाखों की आबादी और प्रमुख मंडल मुख्यालय होने के बावजूद यहां आज तक एम्स की एम्स की सुविधा बरेली वासियों को नहीं मिली है। जिससे इलाज के लिए आम आदमी को दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता है। जिस वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बार के बजट से लोगों को बहुत उम्मीद थी की यहां भी एम्स के स्तर की सरकारी मेडिकल कॉलेज की घोषणा जरूर होगी। लेकिन एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है। यहां के जनप्रतिनिधियों के आश्वासन के बावजूद बरेलीवासी खाली हाथ हैं। केंद्र सरकार के आम बजट कमें भी बरेली के लिए अलग से कोई घोषणा नहीं की गई थी जिसके बाद लोगों को पूरी उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार के बजट में बरेली के लिए हर हाल में अलग से घोषणा की जायेगी लेकिन इस बजट में भी निराशा ही हाथ लगी। इस बजट को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ के बी त्रिपाठी ने इसे लोक लुभावन बताते हुए कहा कि मैं इसे आम जनता का बजट नही मानता, यह तो सरकार की आत्मप्रशंसा और आत्ममुग्धता का लेखा जोखा भर है। उन्होंने कहा कि इस भारी भरकम बजट में गरीब जनमानस के लिए, किसान के लिए, महिलाओं के लिए, छात्रों के लिए हक़ीक़त में कुछ भी नहीं है। सिर्फ बड़े बड़े शब्द और योजनाओं के नए नए नाम से गरीब जनमानस को ठगा जा रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मयंक शुक्ला मोंटी का कहना है कि बरेली भाजपा का गढ़ है फिर भी बरेली को उपेक्षित छोड़ देना यह स्पष्ट करता है कि भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार बरेली के विकास को लेकर कोई भी तैयारी नही कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से यह बजट बरेली के लिए निराशाजनक रहा। ये बरेली के लोगों के साथ बेइमानी है। इस बजट से बरेली के लोगों को बहुत उम्मीदें थी। लेकिन बरेली के सभी विधायक सांसद यहां के लिए कुछ करना ही नहीं चाहते है। उनका विकास का कोई एजेंडा ही नहीं है। वो सिर्फ हिंदू मुस्लिम को आपस में लड़ाकर हर बार चुनाव जीत लेते है। जब हमारी सरकार थी तो अखिलेश यादव ने बरेली को 300 बेड का हॉस्पिटल दिया था लेकिन ये सरकार उसे भी शुरू नहीं करवा सकी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने कहा कि यह बजट पूजीपतियों का बजट है जिसमें गरीब मध्य वर्ग किसानों महिलाओं छात्राओ व लघु उद्योगों के लिए कुछ भी नही। शमीम खां सुल्तानी ने कहा कि भाजपा की खचाखच झोली भरने वाली बरेली के साथ अन्याय है उप्र भाजपा सरकार का यह बजट। सपा प्रवक्ता मुहम्मद साजिद ने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह बजट जनविरोधी है। किसानों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और गरीब वर्ग के लिए कुछ नही है।
बरेली से कपिल यादव