बरेली। जनपद मे इस बार दिसंबर, जनवरी मे सात साल बाद रात का तापमान कम गिरा और पांच साल के बाद दिन मे भी ठंड कुछ कम पड़ी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रशांत महासागर में ला-नीना की सक्रियता कम होने से सारे दावे ध्वस्त हो गए। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. अतुल कुमार के अनुसार प्रशांत महासागर से उठने वाली हवा से पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता तय होती है और इसी से ठंड का अनुमान लगाया जाता है। महासागर मे ला-नीना की सक्रियता इस बार अनुकूल न होने से पूर्वी क्षेत्र और उत्तर भारत मे ठंड का असर बीते वर्षों से कम रहा। सर्दी की शुरुआत मे पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता कम रही। न बादल मंडराए और न बारिश हुई। पहाड़ों की हवा के बावजूद चटक धूप से तापमान में बढ़त बरकरार रही। पहाड़ों पर बर्फबारी ने कुछ ही दिन ठिठुरन का अहसास कराया। इस बार बरेली मे दिसंबर के आखिरी हफ्ते और जनवरी के शुरुआती दो सप्ताह में ही ठंड पड़ी। इसके चलते औसत तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। दिसंबर में इस वर्ष औसतन अधिकतम 25.3 डिग्री व न्यूनतम 4.4 डिग्री और जनवरी में अधिकतम 19.5 डिग्री व न्यूनतम 9.2 डिग्री सेल्सियस तक ही तापमान रहा।।
बरेली से कपिल यादव