बरेली। पूर्वांचल के प्रमुख महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन गुरूवार को व्रतियों ने निराजल व्रत रखकर शाम को अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान नाथ नगरी में बने विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु उमड़े पड़े, व्रतियों ने जल में खड़े होकर शाम को सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की। गुरुवार की रात भर भी व्रती महिलाएं निराजल व्रत रखेगी। शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर अर्पण के साथ व्रत का परायण होगा। नहाय खाय के साथ शुरू छठ महापर्व के तीसरे दिन अस्तगामी सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया गया। पूरे दिन व्रतियों ने निराजल व्रत रखा। शाम को घाटों पर पहुंचकर पूजा की तैयारी की जिसमे गन्ना, फल की टोकरी आदि को सजा रखा। इसके उपरान्त शाम को जैसे ही सूर्य देव अस्तगामी हुए व्रतियों ने पूजा पाठ प्रारम्भ किया सभी ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुत्र की सलामती उत्तम स्वास्थ्य व उज्जल भविष्य की कामना की। सर्वाधिक भीड़ रामगंगा के तट पर बने घाट पर देखी गयी। महापर्व छठ पूजा के लिये यहां पर न्यू रेलवे मॉडल कॉलोनी सुभाष नगर कैंट, रामगंगा, सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, पीलीभीत बाईपास आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर छठ पूजा की तैयारी की गयी थी। जहां आज व्रती महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की। महिलाओं ने छठ पूजा से सम्बंधित गीत भी गाये। गौरतलब है कि छठ पूजा पूर्वांचल का प्रमुख त्यौहार है। पूर्वांचल मे यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से पूरी श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया जाता है। तीन दिनों तक चलने वाली इस पूजा में महिलायें व्रत रखकर छठ माता की पूजा अर्चना करती हैं। रूहेलखण्ड में पूर्वांचल से आकर बसे सैकड़ों परिवार भी यहां पर भी छठ मईया की पूजा अर्चना करते हैं। जिसमे अधिकतर परिवार पूर्वांचल की प्रमुख पूजा छठ पूजा यही मानते है। एयर फोर्स गेट पर स्थापित मंदिर में अस्थायी पोखर बनाकर 3 महिलाओं ने छठ पूजा की। सुभाषनगर इलाके में तथा धोपेश्वरनाथ मंदिर में भी छठ मय्या की पूजा अर्चना की गयी। खरना के साथ आज से व्रती महिलाओं ने व्रत शुरू कर दिया। कल शुक्रवार को उगते सूरज को अर्घ देने के साथ व्रत पारयण होगा। पूर्वांचल के लोगों को पूरे वर्ष भर इस पर्व का इंतजार रहता है इस पर्व में सूर्य पूजन का महत्व इस लिए भी खास है कि वह प्रत्यक्ष दिखते हैं और सभी प्राणियों के जीवन के मूल आधार है।।
बरेली से कपिल यादव