बरेली मे बाढ़ से हालात बेकाबू, जलस्तर बढ़ने से कटान शुरू:बाढ़ की चपेट आये 500 गांव, लोग घरों में हुए कैद

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। जिले भर में बाढ़ का खतरा प्रतिदिन बढ़ रहा है। कोसी और किच्छा नदी से पानी छोड़े जाने के बाद गुरुवार को 300 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। मगर अब भी यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को रामगंगा के आस-पास तीन तहसीलों के करीब 500 गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। जलस्तर बढ़ने की वजह से रामगंगा का कटान शुरू हो गया है। जिसकी वजह से इन गांवों में भी पानी भरना शुरू हो चुका है। प्रशासन की तरफ से लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा जा रहा है। रामगंगा का विकराल रूप अभी शांत नहीं है। धीरे-धीरे फिर से पानी बढ़ रहा है। मीरगंज के दुनका समेत कई गांव गुरुवार को भी बाढ़ से प्रभावित हैं। कमर से अधिक गांव में पानी है। दुनका में बन्द डबलरोटी फैक्ट्री में पानी भर गया। ट्यूब पर रखकर माल ले जाया जा रहा है। लोगों के घरों में कमर तक पानी है। हालॉकि किच्छा और बहगुल नदी अब शांत है। पानी काफी कम हो गया। बाढ़ विभाग के एक्सईन राजीव कुमार का कहना है कि रामगंगा में अभी पानी बढ़ रहा है। मीरगंज क्षेत्र के कई गांव अभी भी प्रभावित हैं। बाढ़ चौकी प्रभारियों के निर्देशन में टीमें लगी हुई हैं। हर गांव की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। कोसी और किच्छा नदी से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से बरेली में भी रामगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। बैराज के सभी दरवाजे खोलने के बाबजूद भी पानी नहीं निकल पा रहा है। गुरुवार को बरेली में रामगंगा अलर्ट प्वाइंट पर पहुंची गई। विभागीय आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को रामगंगा का जलस्तर 160.90 मीटर था। लगभग में 161 मीटर कहा जा सकता है। रामगंगा का 161 मीटर पर ही अलर्ट प्वांट है। जो कि खतरे के निशान से केवल दो मीटर ही नीचे है। बरेली रामगंगा का 163 मीटर जलस्तर होने पर खतरा है। आपको बता दें कि यदि पानी का स्पीड यही रही तो शाम तक रामगंगा खतरे का निशान भी पार कर सकती है। जिसकी वजह से शहर के आस-पास भी बाढ़ की संभावना बढ़ सकती है। फिलहाल तो तीन तहसीलों के करीब 500 गांव पर खतरा मंडरा ही रहा है। प्रशासन लगातार गांव पर नजर बनाए हुए है। टीमों को भी अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ खंड विभाग के अनुसार बरेली की फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के गांव खतरे में है। क्योंकि यह गांव रामगंगा के आस-पास बसे हुए है। जिसकी वजह से इन पर सबसे ज्यादा खतरा है। उधर, फरीदपुर की तरफ रामगंगा का कटान शुरू होने की वजह से सबसे पहले फरीदपुर के गांव प्रभावित होने की आंशका है। वही मीरगंज क्षेत्र के 200 गांव को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है और फसलों को नष्ट करते हुए गांवों में पानी घुस गया है। सबसे ज्यादा हालात फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव पनवडिया, चिटौली, भोलापुर शंखापुर, सिरसा जागीर, खिरका जगतपुर, उनासी, मनकरी, औंध, अगरास, ठिरिया खेतल, पिपिरिया, सहसा, मुगलपुर के गांवों में सड़क मार्ग पर पानी भर गया है। गांवों से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है लेकिन प्रशासन अभी तक इन गांवों में देखने को भी नहीं पहुंचा है।।

बरेली से कपिल यादव

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