बरेली, फतेहगंज पश्चिमी। जनपद में शहर से लेकर देहात मे दीपावली के लिए अस्थायी पटाखा बाजार सजने के साथ ही खरीदारी का दौर शुरू हो गया। बाजार में इस बार ग्रीन पटाखों की मांग ज्यादा है। ये कम आवाज करने के साथ ही ज्यादा रोशनी बिखेरते हैं। मोरपंखी और जुगनू पटाखों को भी लोग खूब पसंद कर रहे है। जिला प्रशासन की ओर से शहर में आठ स्थानों पर पटाखा बाजार लगाने की अनुमति दी गई है। यहां बड़ी संख्या में लोग रोज पहुंच रहे हैं। छोटे बच्चों को फुलझड़ी, अनार, पॉप-पॉप, चरखी पटाखे लुभा रहे हैं। युवा वर्ग में स्काई शॉट, चटाई, रॉकेट की मांग ज्यादा है। बाजार में जुगनू, पीकॉक, चटर-पटर, बटरफ्लाई, फोर-इन-वन स्काई शॉट के पटाखे आकर्षण का केंद्र बने हुए है। पटाखा विक्रेताओं के मुताबिक बाजार में मौजूद पटाखे स्वदेशी हैं। चाइनीज आइटम बाजार से बाहर हैं। बाजारों में फुलझड़ी प्रति पैकेट पांच रुपये से लेकर सौ रुपये, चकरी की कीमत प्रति पीस 20 रुपये से चार सौ, अनार के दाम सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये प्रति पैकेट की रेंज में है। बिशप कॉनराड के पास कैंट, आईटीआर ग्राउंड सीबीगंज, तिलक इंटर कॉलेज मैदान, हार्टमन के पास रामलीला मैदान, एमबी इंटर कॉलेज मैदान, इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान, रेलवे कॉलोनी मैदान सुभाष नगर, कैंट सदर बाजार का मैदान मे पटाखा बिक्री हो रही है। वही फतेहगंज पश्चिमी कस्बे के रामलीला ग्राउंड मे पटाखों के दुकानों का बाजार सज गया है। अबकी बार पटाखों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में आतिशबाजी की खरीदारी करने वालों की जेब भी ढीली हो रही है। पटाखा दुकानदार अशोक सिंह ने बताया कि आतिशबाजी की कीमत पिछले वर्षों के मुकाबले 20 फीसदी तक बढ़ गई है। जब थोक में ही महंगाई बढ़ी है तो फुटकर में कीमत और ज्यादा रहेगी। पटाखा विक्रेता अमन ने बताया कि बच्चों के लिए विशेषकर कम आवाज और ज्यादा रोशनी वाले पटाखे बाजार में है। वही रामलीला ग्राउंड मे अस्थाई पटाखा दुकान लगाने वाले इस बार प्रशासन की सख्ती से परेशान है। उन्हें कई बार दुकानों को लगाकर हटाना पड़ रहा है और इस बार पहले से अधिक खर्च हो रहा है।।
बरेली से कपिल यादव