बरेली। नए कानून मे वीडियो साक्ष्य को काफी महत्व दिया गया है लेकिन कई बार विवेचक स्मार्टफोन न होने का बहाना बना देते है। अब पायलट प्रोजेक्ट के तहत बरेली जिले के 826 विवेचकों को स्मार्टफोन मुहैया कराए जाएंगे। उन्हें विवेचना संबंधी ज्यादातर कार्रवाई इसी के माध्यम से करनी होगी। एसएसपी ने बताया कि पुरानी व्यवस्था मे मोबाइल फोन के फोटो-वीडियो व अन्य प्रकार के इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को खारिज कर दिया जाता था जबकि नए कानूनों मे इन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इसी वजह से शासन ने कुछ जिलों के विवेचकों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्मार्टफोन देने का निर्णय लिया है। सूची में बरेली भी शामिल है। यहां पहले चरण में 826 विवेचकों (इंस्पेक्टर-दरोगा) को स्मार्टफोन देने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है। एसएसपी के अनुसार घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के फोटो, बरामदगी के फोटो व वीडियो बनाकर अपलोड किए जा सकेंगे। ये साक्ष्य खुद ही मुकदमे की विवेचना संबंधी सर्वर पर सेव हो जाएंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट में इनको देखा जा सकेगा। सभी फोटो-वीडियो, पुलिसकर्मियों को गवाही की सूचना ऑनलाइन मिलेगी। साथ ही इन फोटो-वीडियो व साक्ष्य की गोपनीयता बनी रहेगी। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि अभी जेम पोर्टल पर ऑनलाइन बिड चल रही है। जब बिड खुलेगी तब स्मार्टफोन मिलने का रास्ता साफ होगा। नए कानून के तहत ये व्यवस्था काफी उपयोगी और आसान रहेगी।।
बरेली से कपिल यादव