बरेली। सावन के तीसरे सोमवार को देवाधिदेव महादेव की भक्ति, आस्था से नाथनगरी ओतप्रोत हो उठी। भोर से ही शिवभक्तों की मंदिरो में कतार बढ़ती गई। कांवड़ियों का उल्लास देखकर लोग आनंदित हो उठे। लोगों नेविधि-विधान से भोलेनाथ का पूजन कर जगत कल्याण की कामना की। तीसरे सोमवार को 259 कांवड़ियों के जत्थों ने जलाभिषेक किया। सोमवार को मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही शिवभक्ति में डूबे लोग मंदिरों के द्वार पर कतारबद्ध हो गए थे। बाबा अलखनाथ मंदिर में शुभ मुहूर्त में मंदिर के द्वार खुले और कांवड़ियों ने दर्शन-पूजन कर बाबा अलखनाथ का विधिविधान से जलाभिषेक किया। कछला, गढ़मुक्तेश्वर व हरिद्वार से कांवड़ लेकर आए शिवभक्तों ने बाचा का श्रृंगार किया, उनको फूल चढ़ाया और जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया। बाबा पशुपतिनाथ व वनखंडीनाथ मंदिर में कांवड़ियों के जत्थों के चलते पीलीभीत बाईपास सुबह से लेकर शाम तक जाम में उलझा रहा। सुबह भक्तों के साथ कांवड़ियों ने बाबा पशुपतिनाथ का पूजन किया। बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में नाचते-गाते कांवड़िये आए और विधिविधान से पूजन अर्चन किया। वहीं वनखंडीनाथ मंदिर जोगी नवादा में तैनात फोर्स की मौजूदगी में श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया। नाथनगरी मे सोमवार को आस्था और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। कांधे पर कांवड़ थामे, पैरों में घुंघरू बांध कांवड़िये हर कदम पर बोल-बम को चुन जमाते, मस्त गाते निकलते किसी के कांवड़ पर त्रिशूल सजा था तो किसी ने कांवड़ पर शिवशंकर का डमरू अलंकृत किया था। शिवभक्ति के साथ ही कांवड़ियों ने राष्ट्रभक्ति भी प्रदर्शित की। एक हाथ में एंग्री हनुमान जी तो दूसरे हाथ में देश का तिरंगा थामे सड़कों पर निकले तो देखने वाले भी हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए भोले नाथ के भजनों पर झूमते हुए कांवड़िये निकले।।
बरेली से कपिल यादव