चमोली/ उत्तराखंड – संक्रमण को देखते हुए राज्य में चल रहे लॉकडाउन के चलते बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया है। पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जहां यात्रा 18 अप्रैल को नरेंद्र नगर स्थित राजदरबार से शुरु की जानी थी। वहीं अब यात्रा 24अप्रैल से शुरु की जाएगी।
कोरोना महमारी को लेकर सडकें सुनसान है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभी भी कई फीट बर्फ जमी हुई है। सेना ओर बीआर ओ भी हुनमान चटृटी से आगे सडक मार्ग को खोलने में लगा हैं। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन चमोली ने अप्रेल के पहले हफ्ते में बदरीनाथ धाम की यात्रा व्यवस्थाओ को लेकर यहां जाना था लेकिन अब लाँक डाउन के चलते अब चौदह अप्रैल के बाद जिला प्रशासन जायजा लेने जा सकता है।
बद्रीनाथ के धर्माधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष गाडू कलश यात्रा को परम्पराओं के निर्वहन के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यात्रा कार्यक्रम के तहत पंचायत के चार प्रतिनिधि 23 अप्रैल को ऋषिकेश पहुंचेंगे। जिसके बाद 24 अप्रैल को नरेंद्र नगर राजदरबार से भगवान बद्री विशाल के अभिषेक हेतु प्रयुक्त होने वाले गाडू घड़ा (तिलों के तेल कलश) को लेकर बदरीनाथ धाम के लिये रवाना होंगे। जिसके बाद 26 अप्रैल को डिम्मर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद यात्रा 27 अप्रैल को नृसिंह मंदिर जोशीमठ, 28 को योग-ध्यान बदरी मंदिन पांडुकेश्वर व 29 अप्रैल को बदरीनाथ धाम पहुचेगी। जिसके पश्चात 30 अप्रैल को निर्धारित कार्यक्रम के तहत 4 बजकर 30 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल में भक्तों के दर्शनों के लिये खोल दिये जाएंगे।
-नीरज कण्डारी