फ्रिज के पानी से कर रहे तौबा, मिट्टी के घड़े के जल से बुझा रहे प्यास

बरेली। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों ने अपने खानपान मे भी बदलाव किया है। लोगों ने फ्रिज के पानी से तौबा कर ली है। घड़े के शीतल जल से प्यास बुझायी जा रही है। कोरोना से बचाव के चलते कोल्ड ड्रिंक पीने से लोग बच रहे हैं। एसी का प्रयोग न करने की चिकित्सक सलाह दे रहे हैं। यूं तो अप्रैल माह तक घरों में लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीना शुरू कर देते थे। कोरोना के खतरे के चलते इस बार लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क हैं। यही कारण है कि घरों में फ्रिज तो शुरू हो गये है, लेकिन फ्रिज का पानी पीने से लोग परहेज कर रहे हैं। पीने के पानी के लिए मिटृी के घड़े का उपयोग किया जा रहा है। लोगो का कहना है कि कोरोना वायरस की महामारी के समय में घर में रहने के साथ स्वास्थ्य की देखभाल भी जरूरी है, इसलिए घर में फ्रिज का इतेमाल केवल गर्मी से खाद्य पदार्थो को बचाने के लिए कर रहे हैं। स्वास्थ्य के लिए घड़े का पानी ही लाभदायक है। जब तक कोरोना वायरस को लेकर हालात सामान्य नहीं हो जाते, घड़े के पानी का ही इस्तेमाल करेगें।कोरोना वायरस को लेकर जारी की गई गाइडलाइन को ध्यान में रखकर लोग गर्म पेय पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसी कारण लोग फ्रिज के पानी से परहेज कर घड़े का पानी पी रहे है। घड़े का पानी को प्राचीनकाल से ही लाभदायक बताया गया है। हालांकि फ्रिज का पानी नुकसान नही करेगा, लेकिन बदलते मौसम में ज्यादा ठंडे पानी से परहेज लाभदायक है। ऐसे समय में एसी का उपयोग नही करना चाहिए, क्योकि एसी की ठंडक शरीर के तापमान को बिगाड़ सकती है। कालीबाड़ी पर घड़ा बेचने वाले सुभाष प्रजापति का कहना है कि कोरोना काल के चलते पिछली साल की अपेक्षा इस बार घड़ो की अच्छी बिक्री हुई है। टोटी लगा घड़ा लोग ज्यादा पसंद कर रहे है। इस समय उनके पास 80 रूपये से लेकर 160 रूपये तक के घड़े है। मीडियम साइज के घड़ों की अधिक बिक्री हो रही है।।

बरेली से कपिल यादव

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