फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आशा व आशा फैसिलिटेटरों का हो रहा है प्रशिक्षण

  • जिले के 23 प्रखंडों में हो रहा है प्रशिक्षण
  • 10 फरवरी से अपने सामने खिलाएँ दवा
  • दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं खिलाएँ दवा

मोतिहारी/बिहार- फाइलेरिया एक गम्भीर बीमारी है। इससे बचने का एकमात्र उपाय सर्वजन दवा का सेवन करना है, ताकि समय रहते फाइलेरिया के परजीवी पर नियंत्रण पाया जा सके । सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले भर के प्रखंडों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में आशा कार्यकर्ताओं, आशा फैसिलिटेटरों का प्रशिक्षण आरंभ किया जा गया है ताकि वे अपने कार्य क्षेत्र में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर भूमिका निभा सकें । ये कहना है जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा का। उन्होंने बताया कि जिले के सभी 23 प्रखंडों में आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा 10 से 24 फरवरी तक सरकार द्वारा निर्धारित आयुवर्ग के लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का निर्देश दिया गया है, साथ ही उन्हें हिदायत दी गई है कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को सर्वजन दवा नहीं खिलाएँ।

  • इस प्रकार खिलाई जाएगी दवा

भीडिसीओ धर्मेंद्र कुमार बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने सामने खिलाई जाएगी।

  • दवा का हल्का साइड इफेक्ट हो सकता है, घबराएं नहीं

डॉ शर्मा ने बताया कि खाली पेट दवा नहीं खानी है। उन्होंने दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताया कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी-कभी किसी व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, बदन पर चकते एवं खुजली हो सकते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह स्वत: ठीक हो जाएगा। फिर भी ज्यादा दिक्कत होने पर ऐसे लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा ।

– बिहार से नसीम रब्बानी

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