फर्जी वसीयत से नौकरी और पीएफ के 20 लाख निकालने का आरोप, सात पर मुकदमा दर्ज

बरेली। शनिवार को जिला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर (जीएमडीआइसी), उद्योग केंद्र के हेड क्लर्क, सदर तहसील के कानूनगों, लेखपाल समेत सात लोगों पर फर्जीवाड़ा कर फर्जी वसीयत से विभाग मे नौकरी और पीएफ की करीब 20 लाख रुपये की निकालने का आरोप है। पुलिस ने मृतक की पीड़ित बहन ममता की शिकायत पर आरोपी जीएमडीआइसी, क्लर्क, कानूनगों, लेखपाल और तीन बहनों पर मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले मे आरोपी जीएमडीआइसी का पक्ष जानने की कोशिश की गई। मगर संपर्क नही हुआ है। जिला उद्योग केंद्र मे चपरासी राकेश की 20 मई 2020 को कोरोना से मृत्यु हो गई थी। राकेश के माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है जबकि उसका कोई भाई नहीं है। मगर चार बहन है। पीड़ित बहन ममता ने पुलिस को दी तहरीर मे बताया है कि छोटी बहन सोनम की शाहजहांपुर के तुषार से शादी हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी उसने खुद को अविवाहित बताकर फर्जी वसीयत तैयार करा ली। फर्जी वसीयत में कानूनगों और लेखपाल ने नियमों को दरकिनार कर दिया। इसके बाद जीएमडीआइसी और उद्योग केंद्र के हेड क्लर्क संजीव से मिलकर मृतक राकेश के पीएफ की 20,89,217 रुपये सोनम ने निकाल लिया। इसके साथ ही राकेश की नौकरी भी हासिल कर ली। इस मामले में ममता ने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने जांच की। पुलिस की जांच में दोषी पाए जाने पर ममता की तरफ से कोतवाली मे जीएमडीआइसी रंजन गोयल, जिला उद्योग केंद्र के हेड क्लर्क संजीव, सदर तहसील के कानूनगो, लेखपाल राजवीर सिंह, बहन सोनम भारती, संतोष और अंजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले मे पीड़ित का कहना है की आरटीआई के तहत नौकरी के बारे में जीएमडीसी से पूछा गया था। इसमें उन्होंने बताया की सोनम भारती ने ऑफिस में आकर तीनों बहनों से बात कराई थी। उनकी रजामंदी के बाद ही यह नौकरी दी गई है। मगर ममता ने बात होने से इनकार किया है। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है एफआईआर के बाद आरोपी जीएमडीआइसी से बात करने की कोशिश की गई। मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका है।

बरेली से कपिल यादव

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