*भवन बना भी नहीं और हो गई फर्जी बिलो से खरीदी *धरातल पर सिर्फ चार दीवारों को बनाकर कर दिया गया 12 लाख के भवन निर्माण का पूरा भुगतान *समग्री,कमजोर सामग्री से निर्मित छत को गिराया गया
*तेंदूखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत बैलवाड़ा का मामला
मध्यप्रदेश/तेंदूखेड़ा/दमोह – सरकारें व अधिकारी भले ही शासकीय राशि का दुरुपयोग न करने की बात कहते न थकते हो लेकिन हकीकत कुछ और ही धरातल पर ग्राम पंचायतों में शासकीय राशि का दुरुपयोग किस तरह किया जा रहा है इसका अंदाजा दमोह जिले की तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत में आने वाली ग्राम पंचायतों में सामने आ सकता है जहां एक और प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत चुनाव की तारीख घोषित न करने से इन दिनों ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव और रोजगार सहायक सचिव और जनपदों में बैठे अधिकारियों की बल्ले बल्ले खूब जमकर चल रही है कारण यह है कि सरपंचों का पांच वर्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी हाल में प्रदेश सरकार ने कोरोना काल को देखते हुए पंचायत ग्रामीण मंत्रालय द्वारा पंचायतों के विकास कार्य के लिए बजट का आवंटन किया है जिसके बाद से ही लगातार सरपंच सचिव व रोजगार सचिव तथा जनपद के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि को अपनी जेब में डाल रहे हैं जैसे कि तेंदूखेड़ा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बैलवाड़ा में 6 माह से पानी की परेशानी के चलते इस गांव के दो किसानों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी जिसके इस घटनाक्रम से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था जिसके बाद यहां पानी समस्या हल करने के लिए तलैया तथा अन्य विकास कार्यों की सौगात गांव को मिली थी लेकिन आज इस गांव के लोग पानी की समस्या से परेशान चल रहे हैं क्योंकि इस ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव ने भ्रष्टाचार की की सारी हदें पार कर दी है पंचायत द्वारा किये गए सारे काम भ्रष्टाचार के मसालों से मिलाकर किये गए हैं।पँचायत द्वारा किए गए कार्य चाहे वह परकोलेशन टेंक हो, चाहे तालाब का पुनर्निर्माण, स्टाप डेम हो या शौचालय हो सारे घटिया किस्म का निर्माण कर के रख दिया है।पँचायत के काले कारनामो में से एक कार्य जिसमे पँचायत के कर्मचारियी की भूख दिख रही है।
मामला वर्ष 2017-18का है जहां पर ग्राम पंचायत बैलवाड़ा में सामुदायिक भवन निर्माण स्वीकृत करवाया गया था।जिसकी लागत करीब बारह लाख रुपये हैं।जिसका निर्माण पँचायत ने खुद करवाया था।पँचायत ने इस भवन में लगभग छब्बीस कुंटल लोहा लगाया था, ओर सीमेन्ट लगभग पांच सौ पन्द्रह बोरी लगाया है।इन दो सामग्री के हिसाब से भवन की मजबूती से अंदाजा लगाया जा सकता है की भवन कितनी मजबूती से बनाया होगा। लेकिन भवन में अभी जुड़ाई ओर छत बना हुआ है।पांच सौ पन्द्रह बोरी में, छपाई के लिए सीमेन्ट अभी खरीदना बाकी है।छब्बीस कुंटल लोहे के सहारे से बनी कालम बीम से बना छत झूल गया था ।जिसे सहायक यंत्री केपी पटेल द्वारा केंसिल कर दिया गया है।जिसे पँचायत को द्वारा से भवन का निर्माण करके देना होगा अधिकारियों द्वारा बताया की पँचायत द्वारा लोहा कम डालने कि वजह से छत में झूल आ गई थी जिसे मेने तुड़वा दिया।
पँचायत की हद देखो,सारे नियम कायदे ताक पर रखकर पँचायत ने फर्जी बिलो के सहारे भारी मात्रा में सरकारी पेसो का गबन कर लिया है। पँचायत ने लाइट फिटिंग के नाम पर उन्नचास हजार पाँच सौ रुपये,पुताई के नाम पर उन्नचास हजार पाँच सौ साठ रुपये एव सबसे बड़ा फर्जी बिल कोटा स्टोन एव टाइल्स खरीदने का लगाकर एक लाख उन्नीस हजार आठ सौ दस रुपये निकले।इस तरह सरपँच सचिव और रोजगार सहायक ने मिलकरन पँचायत में लूट मचा रखी है।यह सारे बिल ओर आंकड़े सरकारी पँचायत की बेबसाइट पंच परमेशवर में अप लोड है यह सारा खेल जनपद बैठे अधिकारियों के साथ मिलकर खेला जाता है।इसमे अधिकारी भी बराबर के भागीदार रहते हैं।सब कुछ देखते हुए भी यह इन भ्रष्टाचारी सरपंच सचिव का कुछ नही कर पाते।सरपँच सचिव, रोजगार सहायक ओर उपयंत्री मिलकर देश को विकास की ओर नही बल्कि गर्त की ओर धकेल रहे हैं क्योंकि सामुदायिक भवन निर्माण निर्माण चार सालो से अधूरा पड़ा है जिससे कि भवन निर्माण कार्य के नाम पर दमोह से खरीद के बिल लगाकर पूरी राशि आहरण कर ली गई लेकिन जब भवनन का निर्माण पूरा ही नहीं हुआ तो फर्जी बिले पर टाइल्स और अन्य निर्माण सामग्री की खरीदी कैसे हो गई यह भी एक सवाल खड़ा हो रहा है बैलवाड़ा ग्राम पंचायत में सरपंच सचिन और रोजगार सचिन ने सभी निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया है जिसकी जमीनी हकीकत बैलवाड़ा को देखने के बाद भी अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रही है और वह सरपंच सचिव को बढावा दे रहे हैं तुम और भ्रष्टाचार करो हम साथ में सबसे बड़ी बात तो यह है कि तेंदूखेड़ा में बैठे अधिकारी कभी भी इन पंचायतों के सचिव सरपंच और रोजगार सचिव पर कभी भी कोई कठोर कार्रवाई नहीं करते है जिसके कारण यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं और अधिकारी अपना कमीशन लेकर पंचायत के विकास की ओर देखना भी पसंद नहीं करते हैं
इस संबंध में जनपद सीईओ विनोद जैन का कहना है कि अगर आप के पास साक्ष्य है कि पंचायत द्वारा फर्जी बिलों से खरीदी की गई है तो विधिपूर्वक कार्रवाई करुंगा विनोद जैन सीईओ जनपद तेंदूखेड़ा
– विशाल रजक तेंदूखेड़ा