बरेली। डीफार्मा के छात्रों से 3.69 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फर्जी डिग्री देने के मामले में आरोपी खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी और उसके बेटे फिरोज अली जाफरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मामले में चार मुकदमे दर्ज हैं। एसएसपी की बनाई एसआईटी मामले की जांच कर रही है। जांच में पुष्ट हुआ है कि आरोपी आठ विश्वविद्याल व संस्थानों के नाम से फर्जी डिग्री थमा रहे थे। एसआईटी प्रभारी एसपी दक्षिणी मानुष पारीक के निर्देश पर टीम प्रभारी श्रवण कुमार सिंह ने शेर अली जाफरी और फिरोज अली को बुधवार की सुबह सीबीगंज स्थित खुसरो कॉलेज परिसर से गिरफ्तार कर लिया। इन्हें बरेली लाकर मेडिकल परीक्षण कराया गया। फिर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। इससे पहले एसपी दक्षिणी मानुष पारीक ने बताया कि कॉलेज चेयरमैन शेर अली जाफरी और उसके बेटे फिरोज पर 379 छात्रों से डीफार्मा व अन्य कोर्स कराने के नाम तीन करोड़ 69 लाख रुपये लेने का आरोप है। इस प्रकरण में चार मुकदमे सीबीगंज थाने में दर्ज है। जिनमें तीन में जाफरी व उसके लोग आरोपी हैं। चौथा मुकदमा जाफरी के कॉलेज प्राचार्य डॉ. विश्वनाथ शर्मा की ओर से आस्था कंसलटेंसी के संचालक डॉ. विजय शर्मा के खिलाफ दर्ज कराया गया है। विजय शर्मा की भी तलाश की जा रही है। छात्रों की शिकायत पर एसएसपी स्तर से उनके नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। टीम ने उन आठ विश्वविद्यालयों व संस्थाओं के मुख्यालय तक जाकर जांच की जिनके नाम की फर्जी डिग्री यहां कोर्स करने वाले छात्रों को थमाई गई थी। वहां उन अंकपत्रों व डिग्री का सत्यापन नही हो सका। इन्हें पूरी तरह फर्जी माना गया। अभी तक की जांच में छात्रों के लगाए आरोपों की पुष्टि हुई है। साबित हुआ है कि जाफरी और उसके बेटे व पदाधिकारियों ने कूटरचित तरीके से अंकपत्र तैयार किए थे। करोड़ों रुपये का गबन और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।।
बरेली से कपिल यादव